‘दीदी’ को राजधानी चाहिये या संगीत कुर्सी?

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अपनी पार्टी में भगदड़ से परेशान हैं। केंद्र सरकार में बैठी भाजपा राज्य में उनकी सबसे बड़ी प्रतिद्वंदी बनकर तैयार है। ऐसी स्थिति में महापुरुषों की जयंती भी पराक्रम दिवस विरुद्ध देश नायक दिवस बनाकर पेश कर दिया गया।

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पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री नेताजी सुभाषचंद्र बोस की जयंती पर कोलकाता में एक कार्यक्रम में थीं। इस कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि देश में एक ही राजधानी क्यों हो? देश में चार परिवर्तनशील राजधानियां होनी चाहिए। अब इस विचार पर लोगों का प्रश्न भी स्वाभाविक है उठना कि वो देश की राजधानी होगी या संगीत कुर्सी का खेल?

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नेताजी सुभाषचंद्र बोस की 125वीं जयंती पर नेताजी भवन में आयोजित कार्यक्रम में थीं। इस कार्यक्रम को देश ‘पराक्रम दिवस’ के रूप मना रहा था तो पश्चिम बंगाल सरकार इस दिन को ‘देश नायक दिवस’ के रूप में मना रहा है।

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इस अवसर पर ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार पर भी कटाक्ष किये। उन्होंने कहा कि रबिंद्रनाथ टैगोर नेताजी सुभाषचंद्र बोस को देश नायक कहते थे। इसलिए हम इस दिवस को देश नायक दिवस के रूप में मना रहे हैं। केंद्र सरकार को नेताजी की जयंती को राष्ट्रीय अवकाश घोषित करना चाहिए।

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ममता यहीं नहीं थमीं उन्होंने कहा कि, मैं मानती हूं कि भारत की चार परिवर्तनीय राजधानी होनी चाहिए। अंग्रेजों ने कोलकाता से पूरे देश में शासन किया। क्यों हमारे देश में एक ही राजधानी हो?

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