पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह द्वारा एक स्वतंत्र पार्टी बनाकर भारतीय जनता पार्टी से हाथ मिलाने की कोशिश शुरू करने के बाद राज्य कांग्रेस और प्रदेश सरकार ने उनके खिलाफ संघर्ष तेज कर दिया है। पंजाब के गृह मंत्री सुखजिंदर रंधावा ने अमरिंदर के पाकिस्तानी पत्रकार मित्र के पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई से जुड़े होने का दावा करते हुए कहा कि मामले की जांच की जाएगी। इसके बाद पंजाब के राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई। इन आरोपों का अमरिंदर सिंह ने करारा जवाब दिया है। वहीं इस मामले में अब तक चुप रहने वाली पाकिस्तानी पत्रकार अरुसा आलम ने भी कैप्टन के साथ अपने रिश्ते को लेकर सफाई दी है।
आरोप लगान वालों को दिया जवाब
अरुसा आलम ने अपनी सफाई में कहा है, “कैप्टन साहब के साथ मेरे बहुत मानवीय संबंध हैं। मैं उनकी बहुत अच्छी दोस्त हूं, मुझे इसके लिए बहुत गर्व है। मैंने उनसे बहुत कुछ सीखा। जो लोग हमारे संबंधों की आलोचना करते हैं और सवाल करते हैं, वे नैतिक मुद्दों पर सिंह के आसापस भी नहीं आ सकते।” अरुसा ने इस तरह के आरोप लगाने वालों को “बेशर्म” कहा है।
जांच के बाद आरोप मुक्त
अरुसा आलम ने दावा किया कि रॉ ने उन्हें आईएसआई के साथ संबंध रखने के सभी आरोपों से बरी कर दिया था। अरुसा ने बताया, “आईएसआई और मेरे काम की रॉ ने खुफिया एजेंसियों के माध्यम से पूरी तरह से जांच की है। सभी जांचों के बाद, मुझे रॉ और अन्य अंतरराष्ट्रीय खुफिया एजेंसियों द्वारा सभी आरोपों से मुक्त कर दिया गया है।”
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मीडिया को भी दी धमकी
अरुसा ने कैप्टन का बचाव करते हुए कहा कि जिन लोगों को उन्होंने राजनीति करना सिखाया, उनकी वजह से उन्हें अपनी कुर्सी गंवानी पड़ी। उन्हीं लोगों ने उन्हें इस कुर्सी से हटा दिया। उन्होंने चेतावनी दी कि वह अपने खिलाफ लगे आरोपों में न्याय के लिए अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय जा सकती हैं। उन्होंने कहा, “मुझे उन सभी राजनेताओं और मीडिया घरानों के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर करने का अधिकार है, जिन्होंने मेरी तस्वीरें और गलत जानकारी प्रकाशित की है। मैं अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय और मानवाधिकार आयोग के माध्यम से उन पर प्रतिबंध लगवा सकती हूं।”