महाराष्ट्र में राज्यसभा सीटों के चुनाव के बाद एकनाथ शिंदे सीधे गुजरात के सूरत पहुंचे। वहां कुछ दिन रहने के बाद वे कुछ विधायकों के साथ असम के गुवाहाटी पहुंचे। मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद उन्होंने अपना ठिकाना गुवाहाटी से गोवा स्थानांतरित कर लिया। अब इसके पीछे की वजह शिंदे गुट ने बताई है। उन्होंने चुनाव आयोग को सौंपे अपने लिखित जवाब में यह खुलासा किया है।
…इसलिए हम दूसरे राज्य में चले गए
केंद्रीय चुनाव आयोग को सौंपे गए लिखित जवाब में शिंदे गुट ने कहा है कि ठाकरे गुट के नेता सांसद संजय राउत की धमकियों के चलते हम दूसरे राज्यों में चले गए। शिंदे गुट ने कहा है कि संजय राउत की वजह से विधायकों की जान को खतरा था। विधायक अगर महाराष्ट्र लौटतो तो उनका घूमना-फिरना भी मुश्किल हो सकता था। शिंदे गुट ने आयोग को राउत के बयान के सबूत भी दिए हैं।
शिंदे- पार्टी और सिंबल पर ठाकरे गुट का दावा
ठाकरे और शिंदे गुट ने केंद्रीय चुनाव आयोग को अपनी लिखित दलीलें भी सौंपी हैं। ठाकरे गुट ने दावा किया है कि एकनाथ शिंदे के पास कोई संवैधानिक पद नहीं है और उनके पास पार्टी का संविधान भी नहीं है। हालांकि एकनाथ शिंदे ने विद्रोह किया। उत्तर इसकी तिथि के साथ दिए गए हैं। दूसरी ओर विधायक-खासदारों की संख्या के अनुसार स्वीकृति दी जाती है। इसलिए शिंदे गुट ने तर्क दिया है कि हमें शिवसेना का नाम और तीर-धनुष का चुनाव चिह्न मिलना चाहिए.