पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस और उसके नेताओं को मानो किसी भी सीमा को लांघने की अनुमति ममता बनर्जी ने दे दी है। सीमाई क्षेत्र में सीमा सुरक्षा बल का कार्यक्षेत्र 15 किलोमीटर तक ही रखने के निर्णय का एक प्रस्ताव विधान सभा में प्रस्तुत किया गया था। इस पर चर्चा में तृणमूल कांग्रेस के विधायक की जीभ सीमा सुरक्षा बल के कार्यों के प्रति ऐसी चली की उन्हें यह ध्यान भी नहीं रहा कि वे सेना के सम्मान को ठेस पहुंचा रहे हैं।
राज्य विधान सभा ने सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के कार्यक्षेत्र को 15 किलोमीटर के क्षेत्र में नियंत्रित रखने के लिए एक प्रस्ताव पारित किया है। इसके पक्ष में 112 और विपक्ष में 63 मत पड़े थे। इस पर चर्चा के बीच तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के विधायक उदयन गुहा ने बहुत ही निचले स्तर की टिप्पणी बीएसएफ के विषय में की। जिसका भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायकों ने जमकर विरोध किया। इसके बाद विधान सभा अध्यक्ष बिमान बैनर्जी ने भी उदयन गुहा को टोंका और अपनी टिप्पणी में कहा कि, आपसे ये आशा नहीं की जाती है।
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क्या कहा उदयन गुहा ने?
उदयन गुहा ने कहा कि, ‘जब महिलाएं सीमा लांघकर आती हैं, तो बीएसएफ के जवान उनकी जांच के नाम पर उनके निजी अंगों को बच्चों के आगे छूते हैं। ऐसे बच्चों से आशा नहीं कर सकते कि, वे भारत माता की जय कहेंगे या देशभक्त बनेंगे।’
इसका जब भाजपा विधायकों ने विरोध किया तो गुहा ने कहा, तुम्हारा एक पैर पहले ही टूटा है, हम अब दूसरा पैर भी तोड़ देंगे।
बीएसएफ ने दिया उत्तर
इस आरोप के बाद बीएसएफ की ओर से विरोध किया गया। बीएसएफ के वरिष्ठ अधिकारी ने एक अंग्रेजी समाचार पत्र को बताया कि, बीएसएफ एक कर्तव्यदक्ष बल है, जो हमेशा नियम कानून के अनुसार कार्य करती है। बीएसएफ की महिला प्रहरी ही महिलाओं की जांच करती हैं। वो आरोप आधारहीन हैं।