पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव में सोमवार के पुनर्मतदान के बीच भारतीय जनता पार्टी ने चुनाव में बड़े पैमाने पर धांधली का आरोप लगाया है। नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने इस मामले को लेकर हाईकोर्ट जाने की बात कही है। उन्होंने कहा है कि वह अभी चुनाव में हुई धांधली के सारे सबूत एकत्र कर रहे हैं।
शुभेंदु अधिकारी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया कि 18 हजार से अधिक मतदान केंद्रों पर धांधली के साक्ष्य हैं। कोर्ट को छह हजार से अधिक मतदान केंद्रों पर आगजनी तोड़फोड़ और हिंसा के साक्ष्य देकर पुनर्मतदान की मांग की गई थी, लेकिन तृणमूल और आईपैक (प्रशांत किशोर की संस्था) की ओर से उल्लेखित मतदान केंद्रों पर ही पुनर्मतदान कराया गया। उन्होंने राज्य के चुनाव आयुक्त राजीव सिन्हा को एक बार फिर ममता बनर्जी का मोहरा करार दिया और कहा कि वह अपनी मर्जी से कुछ भी नहीं कर रहे हैं बल्कि आईएएस अधिकारी संजय बंसल और तृणमूल कांग्रेस जितना कह रही है उतना ही कर रहे हैं। अधिकारी ने कहा कि वह साक्ष्यों के साथ कोलकाता हाईकोर्ट का रुख करेंगे।
तथ्यों का पता लगाने के लिए भाजपा ने गठित की समिति
पश्चिम बंगाल के हिंसा प्रभावित इलाकों में तथ्यों का पता लगाने के लिए भाजपा ने चार सदस्यीय समिति का गठन किया है। पूर्व केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्री और सांसद रविशंकर प्रसाद को इस समिति का संयोजक बनाया गया है। समिति के अन्य सदस्यों में सांसद एवं मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त डॉ. सत्यपाल सिंह, सांसद डॉ. राजदीप रॉय, सांसद एवं राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रेखा वर्मा शामिल हैं। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह ने सोमवार को एक बयान में बताया कि यह समिति पश्चिम बंगाल के पंचायत चुनावों में हिंसा के तथ्यों का पता लगाएगी और रिपोर्ट तैयार करेगी। यह समिति पश्चिम बंगाल के हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में जाएगी और तथ्यों की रिपोर्ट भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा को सौंपेंगी।
ममता सरकार से कांग्रेस भी है खफा
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने भी ममता बनर्जी पर हमला बोला। अधीर ने इस संबंध में कलकत्ता हाई कोर्ट में याचिका लगाकर चुनावी हिंसा की किसी स्वतंत्र जांच एजेंसी से कोर्ट की निगरानी में जांच की मांग की है। इसके साथ ही उन्होंने मृतकों के परिजनों को वित्तीय मुआवजा और घायलों को बेहतर चिकित्सा की अर्जी लगाई। कोर्ट ने इसे स्वीकार किया है और घायलों को तत्काल बेहतर चिकित्सा उपलब्ध करवाने को कहा। इसके साथ ही बाकी दो मांगों को लेकर भी राज्य और केंद्र सरकार से जवाब मांगा है। गौरतलब हो कि पश्चिम बंगाल में 73 हजार से अधिक सीटों पर दो लाख से अधिक उम्मीदवार हैं। इन सभी की किस्मत मतपेटियों में बंद हो गई। मतगणना 11 जुलाई को सुबह 08 बजे से शुरू होगी।
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