पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस पार्टी प्रमुख ममता बनर्जी ने हाई प्रोफाइल भवानीपुर सीट से 58,832 हजार मतों से जीत हासिल कर ली है। इसी के साथ सीएम बने रहने का उनका रास्ता भी साफ हो गया है। महत्वपूर्ण बात यह रही कि यहां भाजपा की उम्मीदवार प्रियंका टिबरेवाल के साथ ही श्रीजीब बिश्वास को भी उनसे कम वोट मिले। इन दोनों से उनका मुकाबला माना जा रहा था। इस बीच कलकत्ता उच्च न्यायालय ने ममता बनर्जी को प्रदेश में हिंसक घटनाओं को रोकने के उपाय सुनश्चित करने का निर्देश दिया है।
जश्न में डूबे टीएमसी कार्यकर्ता
भवानीपुर उपचुनाव में मतगणना के पहले ही दौर से ममता बनर्जी ने बढ़त बना ली थी और अंत तक उनके प्रतियोगी भाजपा की प्रियंका टिबरेवाल और माकपा के श्रीजीब बिश्वास पीछे ही रहे। दीदी के जीत के साथ ही तृणमूल कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता जश्न में डूब गए हैं।
Oooooo waooooo what a win, loss from 1 seat, removed winning candidate from other seat, then re election then a winning celebration, waoooooo @MamataOfficial great win #Congratulations https://t.co/KLwnmae1Mf
— CA Vikram Agarwal 🇮🇳 (@VikramAgarwal6) October 3, 2021
ममता बनर्जी की विरोधी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं को परिणाम के बाद उन्हें निशाना बनाए जाने का डर सता है। भवानीपुर के साथ ही बंगाल में मुर्शिदाबाद की शमशेरगंज और जंगीपुर में भी मतों की गणना की गई।
BREAKING NEWS
Royal Bengal Tigress @MamataOfficial wins by 58,832 + votes from Bhabanipur AC.
💚💚💚💚💚💚💚#JitbeTripura #MamataBanerjee pic.twitter.com/4nXv6crh6g
— Tripura Trinamool Congress Supporters (@EbarTripura) October 3, 2021
प्रियंका टिबरेवाल को सता रहा है यह डर
इस बीच भाजपा उम्मीदवार प्रियंका टिबरेवाल को हिंसा का डर सताने लगा है। उन्होंने मतगणना से पहले ही कलकत्ता उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर परिणाम घोषित होने के बाद संभावित हिंसा को रोकने के लिए कदम उठाने के निर्देश देने का अनुरोध किया था। बीते विधानसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद पश्चिम बंगाल में बड़े पैमाने पर हिंसा के रिकॉर्ड को देखते हुए उन्हें अपने, अपने परिवार और समर्थको को निशाना बनाए जाने का डर सताने लगा है। हालांकि कलकत्ता उच्च न्यायालय ने ममता बनर्जी को प्रदेश में हिंसक घटनाओं को रोकने के उपाय सुनश्चित करने का निर्देश दिया है।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भाग्य का फैसला 3 अक्टबूर को हो गया। भवानीपुर सीट का परिणाम यह तय कर दिया कि वे आगे भी मुख्यमंत्री बनीं रहेंगी। उनकी भारतीय जनता पार्टी की उम्मीदवार प्रियंका टिबरेवाल से कांटे की टक्कर मानी जा रही थी। कड़ी सुरक्षा के बीच मतगणना कराई गई। भवानीपुर के आलावा शमशेरगंज और जंगीपुर विधानसभा सीटों पर भी हुए मतदान के परिणाम आ गए हैं। नंदीग्राम सीट से विधानभा चुनाव हारने के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अपनी पुरानी और पारंपरिक सीट भवानीपुर से मैदान में उतरी थीं। मतों की गिनती सुबह 8 बजे शुरू हो गई थी।
कड़ी सुरक्षा में मतगणना
भावनीपुर में कराए गए चुनाव में 57 प्रतिशत मतदान हुए थे। यह कोलकाता में स्थित है और इसे तृणमूल कांग्रेस पार्टी का गढ़ माना जाता है। यही कारण है कि नंदीग्राम में हारने के बाद ममता बनर्जी भवानीपुर से अपनी विधायकी के साथ मुख्यमंत्री की कुर्सी को सुरक्षित करने उतरी थीं। मतों की गिनती के लिए केंद्रीय बलों की 24 कंपनियां तैनाती की गई थीं। वहीं मतगणना केंद्र पर सीसीटीवी भी लगाया गया था। पश्चिम बंगाल की इन तीन सीटों के लिए 30 सितंबर को मतदान कराए गए थे।