महाराष्ट्र विधानसभा में 16 अक्टूबर को विशेष सत्र आयोजित हुआ है। यह सत्र वेतन एवं भत्ता विधेयक पर चर्चा के लिए बुलाया गया था। इस पर, विपक्षी नेता शुभेंदु अधिकारी ने दावा किया कि देवी पक्ष के दूसरे दिन सत्र बुलाने से हिंदू भावनाएं आहत हुई हैं। 16 अक्टूबर को विधानसभा में प्रवेश करते ही शुभेंदु ने राज्य सरकार के खिलाफ अपना गुस्सा जाहिर किया। उन्होंने कहा कि बंगाली-हिंदुओं की भावनाएं आहत हुई हैं। आज नवरात्रि का दूसरा दिन है। इस दिन कई लोग नवरात्रि का व्रत भी रखते हैं। इसी बीच विधानसभा का सत्र बुलाया गया है।
इसके अलावा शुभेंदु ने यह भी सवाल उठाया कि दुर्गा पूजा की अष्टमी के दिन शराब की दुकानें क्यों खुली रखी जाती हैं?
राज्यपाल ने नहीं किए हस्ताक्षर
गत सात सितंबर को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विधानसभा सत्र में विधायकों और मंत्रियों के वेतन में बढ़ोतरी की घोषणा की थी, लेकिन वेतन में बढ़ोतरी को लागू करने के लिए वेतन एवं भत्ता बिल में संशोधन लाना जरूरी है। उस संशोधन विधेयक को लाने के लिए 16 अक्टूबर को विधानसभा सत्र बुलाया गया था। इस बीच, राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस ने उस फाइल पर हस्ताक्षर नहीं किए, जो सत्र के लिए राज्यपाल की अनुमति के लिए राजभवन भेजी गई थी।
Maharashtra की राजनीति में दिवाली पर होगा बड़ा धमाका? जानिये, शिंदे गुट के मंत्री ने किया क्या दावा
सत्र पर आपत्ति
भाजपा ने भी शुरू से ही इस सत्र पर आपत्ति जताई। उन्होंने टिप्पणी की कि मंत्रियों और विधायकों का वेतन बढ़ाने में जल्दबाजी करने की जरूरत नहीं है। वहीं, पिछले कुछ सालों से दुर्गा पूजा के दौरान कोई ”ड्राई डे” नहीं है। यानी पूजा के चारों दिन शराब की दुकानें खुली रहती हैं। इस पर भी शुभेंदु अधिकारी ने सवाल खड़े किए।