पिछले काफी दिनों से पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस पार्टी प्रमुख ममता बनर्जी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हर मुद्दे पर टकराव का रास्ता अपना रही हैं। ऐसा लगता है कि एक सोची-समझी रणनीति के तहत वे ऐसा कर रही हैं, ताकि वे पीएम के सामने खुद को स्थापित कर भविष्य में दिल्ली की ओर कदम बढ़ा सकें। शायद यही कारण है कि जब देश कोरोना से त्रस्त है और ज्यादातर राज्य सरकारें ज्यादातर मामलों में केंद्र से टकराव का रास्ता छोड़कर सहयोग का रास्ता अपना रही हैं, तो दीदी पीएम से हर मुद्दे पर टकराव का रास्ता अपना रही हैं।
आधे घंटे तक कराया इंतजार, फिर मांगे 20 हजार करोड़
पीएम-डीएम की बैठक में जहां उन्होंने नहीं बोलने देने को लेकर पीएम मोदी पर हमला बोल दिया था, वहीं ताउते चक्रवात के दौरान पश्चिम बंगाल दौरे के समय भी वह पीएम की बैठक में देर से पहुंची थीं और फिर जल्दी ही वहां से यह कहकर चली गई थीं, कि उन्हें और भी बैठक में जाना है। इसके साथ ही उन्होंने केंद्र से 20 हजार करोड़ रुपए की मदद मांगकर केंद्र को मुश्किल में डाल दिया था। अब एक बार फिर पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव अलपन बंदोपाध्याय को लेकर दीदी और मोदी में टकराव बढ़ता दिख रहा है।
बंदोपाध्याय पर केंद्र की वक्रदृष्टि
बता दें कि पीएम की बैठक में बंदोपाध्याय आधा घंटे देर से पहुंचे थे और पीएम को उनके आने का इंतजार करना पड़ा था। इस कारण केंद्र की वक्रदृष्टि उन पर पड़ गई है। उनका केंद्र में ट्रांसफर कर दिया गया है और 31 मई को उन्हें दिल्ली में तलब किया गया था। लेकिन ममता बनर्जी ने उन्हें रिलीज करने से मना कर मोदी सरकार से एक बार फिर पंगा ले लिया है।
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कैबिनेट मंत्री चंद्रिका उपाध्याय ने कही ये बात
ममता बनर्जी की कैबिनेट मंत्री चंद्रिका उपाध्याय ने कहा है कि मुख्यमंत्री मुख्य सचिव अलपन बंदोपाध्याय को रिलीज नहीं कर रही हैं।
दीदी ने लिखा पत्र
इस बीच ममता बनर्जी ने अपने पत्र में 28 मई को कुलाईकुंडा में हुई उस बैठक का भी जिक्र किया है, जिसमें मुख्य सचिव आधा घंटा लेट पहुंचे थे और पीएम को उनका इंतजार करना पड़ा था। सीएम ने कहा कि अगर बंदोपाध्याय का ट्रांसफर इस कारण किया गया है तो यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है।
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केंद्र की आलोचना
ममता बनर्जी ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर कहा था कि वह मुख्य सचिव को रिलीज नहीं करेंगी। सीएम ने पत्र में कहा था कि केंद्र सरकार ने मुख्य सचिव के ट्रांसफर पर एकतरफा निर्णय लिया है,जो गलत है। दीदी और पीएम मोदी के बीच में फंसे अलपन बंदोपाध्याय की परेशानी बढ़ती हुई दिख रही है। बताया जा रहा है कि केंद्र उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई कर सकता है।