कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश अनुसार पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव की सुरक्षा के लिए केंद्रीय बलों की तैनाती के एवज में 350 करोड़ रुपये का खर्च राज्य चुनाव आयोग ने केंद्र से मांगा है। सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय को पत्र भेजा गया है, जिसमें चुनाव के समय केंद्रीय बलों की तैनाती के दौरान उनके रहने, खाने, गाड़ी का खर्च और अन्य व्यवस्थाओं के लिए 350 करोड़ रुपये के खर्च का ब्यौरा दिया गया है।
राज्य चुनाव आयोग के इस पत्र पर सवाल खड़े हो रहे हैं। क्योंकि उच्च न्यायालय के आदेश अनुसार अभी भी 21 जुलाई तक केंद्रीय बलों की तैनाती राज्य में रहनी है। बावजूद इसके पहले ही खर्च का हिसाब भेजकर रुपये क्यों मांगे गए हैं?
उच्च न्यायालय ने केंद्रीय बल की तैनाती के दिए थे निर्देश
दरअसल कलकत्ता उच्च न्यायालय ने स्पष्ट कर दिया था कि पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव की सुरक्षा के लिए केंद्रीय बलों की तैनाती होगी, जिसका खर्च केंद्र सरकार वहन करेगी। उसी के अनुसार यह पत्र राज्य चुनाव आयोग ने केंद्र को भेजा है। राज्य में करीब 70 हजार जवानों की तैनाती हुई थी. जिन पर यह खर्च होने का दावा किया जा रहा है।
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क्या है नियम?
बता दें कि इसके पहले विधानसभा और लोकसभा चुनाव के लिए भी चुनाव आयोग की ओर से केंद्रीय बलों की तैनाती राज्य में हुई थी। नियम रहा है कि चुनाव के समय राज्य में केंद्रीय बलों की तैनाती होने पर उसका खर्च राज्य सरकार वहन करती है। कुछ महीनों पहले केंद्र सरकार ने इसे लेकर राज्य को एक पत्र लिखा था और दावा किया था कि केंद्र का 1852 करोड़ रुपये पश्चिम बंगाल सरकार के पास बकाया है। यह खर्च बंगाल में चुनाव के समय केंद्रीय बलों की तैनाती से जुड़ा हुआ है। इसके जवाब में पश्चिम बंगाल सरकार ने कहा था कि केंद्रीय बलों की तैनाती का निर्णय चुनाव आयोग का है। राज्य सरकार यह खर्च वहन नहीं करेगी।