अब तक विरोधी पार्टियों से लड़ रहीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस पार्टी प्रमुख ममता बनर्जी को अब अपनों के ही गुस्से का शिकार होना पड़ रहा है। टिकट बंटवारे के बाद नाराज पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने कोहराम मचा दिया है। जिन पार्टी नेताओं के टिकट काट दिए गए हैं, उनके समर्थक सड़क पर उतर आए हैं। वे सड़क जाम कर अपने गुस्से का इजहार कर रहे हैं।
बता दें कि पार्टी ने इस बार कम से कम 27 वर्तमान विधायकों को टिकट नहीं देकर उनकी सीटों पर नये चेहरों को उतारा है। इस फैसले के बाद पार्टी में हंगामा खड़ा हो गया है। एक महिला विधायक ने अपने टिकट काटने से नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि वे हमेशा ममता बनर्जी के साथ रहीं, लेकिन उनका टिकट इसलिए काट दिया गया क्योंकि उन्हें डायबिटीज है। उन्होंने कहा,’ कम से कम मुझे बता दिया होता तो मुझे इतना दुख नहीं होता।’
इन इलाकों में किया हंगामा
टिकट नहीं मिलने से नाराज विधायकों के समर्थकों ने साउथ परगना 24 , भानगर और नॉर्थ 24 परगना के एमदांगा में सड़कों को जाम कर दिया। ये वर्तमान विधायक अराबुल इस्लाम और रफिकुर रहमान के टिकट काटे जाने से नाराज थे। भानगर के पार्टी कार्यालय में भी इन्होंने तोड़फोड़ की। इस्लाम ने रोते हुए कहा कि मेरे बूथ कार्यकर्ता रो रहे हैं। भानगर के लोग मुझे जो कहेंगे वो करने के लिए मैं तैयार हूं।
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ममता बनर्जी ने दिया था संकेत
ममता बनर्जी को इस विरोध का आभास शायद पहले से ही था। इसलिए टिकट बंटवारे के समय उन्होंने कहा था कि अगर पार्टी फिर से सत्ता मे आई तो वह विधान परिषद का गठन कराएंगी ताकि पार्टी के अनुभवी नेताओं को समायोजित किया जा सके। उन्होंने कहा था कि पार्टी के कई उम्रदराज विधायकों को टिकट नहीं दिया गया है क्योंकि हमें युवा और अनुभवी लोगों को पार्टी में शामिल करना है।
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इन्हें नहीं दिया गया टिकट
जिन नेताओं का टिकट काटा गया है, उनमें राज्य के वित्त मंत्री अमित मित्रा, प्राद्यौगिकी शिक्षा मंत्री पुरनेंदु बसु, पूर्व ऊर्जा मंत्री मनीष गुप्ता आदि शामिल हैं। पार्टी को इन नेताओं और इनके समर्थकों की नाराजगी की भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है।