पश्चिम बंगाल में पहले चरण के मतदान में मात्र दो दिन ही बाकी रह गए हैं। इस बीच वहां का चुनावी परिदृश्य काफी दिलचस्प हो गया है। प्रदेश में जहां हर तरफ चुनावी सरगर्मियां देखी जा रही हैं, वहीं पिछले तीन-चार महीनों में इस प्रदेश में एक से बढ़कर एक लोकप्रिय चुनावी नारे दिए गए हैं। प्रदेश की मुख्यमंत्री और टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी द्वारा दिए गए खेला होबे के नारे से शुरू हुआ यह चुनावी संग्राम खेला शेष (खेल खत्म) तक पहुंच गया है।
थम गया चुनाव प्रचार
25 मार्च को प्रथम चरण (27 मार्च) के मतदान के लिए चुनाव प्रचार थम गया। प्रचार के अंतिम दिन सभी पार्टियों ने अपनी पूरी ताकत झोंकी। ममता बनर्जी ने जहां धुआंधार प्रचार किया, वहीं भाजपा नेता अमित शाह और योगी आदित्यनाथ ने कई रैलियां कर मतदाताओं को रिझाने की पूरी कोशिश की। अमित शाह ने एक बार फिर कहा कि दो मई को दीदी का किला ढह जाएगा। बता दें कि इस दिन मतों की गिनती होनी है।
ममता दीदी बंगाल में 'गो हत्या' पर प्रतिबंध नहीं लगा सकती हैं क्योंकि उन्हें डर है कि कहीं उनका वोट बैंक न खिसक जाए। pic.twitter.com/MuNeRMX4Lu
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) March 25, 2021
भाजपा-टीएमसी के बीच मुख्य मुकाबला
पश्चिम बंगाल चुनाव में वैसे तो कई कई पार्टियां मैदान में हैं, लेकिन मुख्य मुकाबला भाजपा और टीएमसी में ही है। टीएमसी जहां सत्ता को फिर से पाने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक रही है, वहीं भारतीय जनता पार्टी इसे सत्ता पर कब्जा प्राप्त करने का एक मौका मानकर चल रही है। इसलिए वह टीएमसी को सत्ता से उखाड़ फेंकने के लिए कोई भी कसर नहीं छोड़ रही है।
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एक से बढ़कर एक नारे
इस चुनाव में टीएमसी और भाजपा द्वारा दिए गए नारे काफी चर्चित हो रहे हैं। अगर चंद महीने पीछे जाकर देखें तो इस चुनाव के दौरान सबसे पहला नारा खेला होबे दिया गया था। ममता बनर्जी ने सबसे पहले इस नारे का प्रयोग किया। उसके बाद भाजपा ने भी इसका इस्तेमाल शुरू किया था। बाद में भारतीय जनता पार्टी ने जय श्री राम के नारे को भी इस चुनाव में खूब उपयोग किया। इसका कारण यह था कि ममता बनर्जी इस नारे की वजह से पीएम मोदी का मंच को छोड़कर चली गई थी। वह पीएम के साथ एक कार्यक्रम में मंच साझा कर रही थीं।
पीएम मोदी ने की टिप्पणी
ममता बनर्जी के इस नारे पर पीएम नरेंद्र मोदी ने भी टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा था कि इस तरह की भाषा का उपयोग ममता बनर्जी कर रही हैं.. खेला होबे.. चुनाव भला कोई खेल है। अरे अब तो खेला शेष है यानी खेल खत्म हो गया है। उन्होंने कहा कि इस बार खेल नहीं होगा, एबार विकास होबे यानी अब विकास होगा।
बदल गए नारों के स्वरुप
अब जब चुनाव के प्रथम चरण शुरू होने में मात्र दो दिन बचे हैं तो नारे का स्वरुप थोड़ा बदल गया है। 23 मार्च को जनता को पुरलिया में संबोधित करते हुए ममता बनर्जी ने जॉय बांग्ला (जय बंगाल) का नारा दिया। उन्होंने लोगों से कहा कि एक दूसरे को मिलने पर जॉय बांग्ला ( जय बंगाल) कहें। इसके साथ ही उन्होंने लोगों से कहा कि अगर कोई आपको फोन करे तो आप उसे जॉय बांग्ला कहकर आग की बातचीच करें। इसके साथ ही टीएमसी ने एक और नारा दिया, बांग्ला निजेर केई चाई यानी बंगाल को चाहिए अपनी बेटी। वहीं भारतीय जनता पार्टी के नेता अमित शाह ने सोनार बांग्ला यानी सोने का बांग्ला का नारा दिया।
भाजपा के अन्य नारे
हरे कृष्ण हरे-हरे, पद्म फूल घरे-घरे,सोनार बांग्ला,चुपचाप कमल छाप
2011 के चुनाव में ये थे ममता के नारे
2011 में ममता बनर्जी ने 30 साल से ऊपर की लेफ्ट पार्टियों की सत्ता के खिलाफ जब मैदान में उतरी थीं तो उन्होंने मां-माटी-मानुष का नारा दिया था। आज भी उस नारे की चर्चा होती है। उस साल एक और नारा पोरिबर्तन चाइ मतलब बंगाल में परिवर्तन चाहिए नारा भी सबकी जुबान पर चढ़ गाया था। इसके आलावा ममाता ने ठंडा-ठंडा कूल-कूल, ऐबार जितबे तृणमूल का भी नारा दिया था।।