पश्चिम बंगाल में भाजपा की ऐसे बढ़ रही है चिंता!

बंगाल के चुनाव में भाजपा को मनचाही सफलता नहीं मिलने के बाद पार्टी को एकजुट रखना बड़ी चुनौती बन गई है। 8 जून को पार्टी की उच्चस्तरीय संगठनात्मक बैठक में कई वरिष्ठ नेताओं का न उपस्थित होना शीर्ष नेतृत्व के लिए चिंता की बात है।

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पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता पार्टी का संकट बढ़ता दिख रहा है। इस प्रदेश के चुनाव में पार्टी को मनचाही सफलता नहीं मिलने के बाद नेताओं को एकजुट रखना बड़ी चुनौती बन गई है। 8 जून को पार्टी की उच्चस्तरीय संगठनात्मक बैठक में कई वरिष्ठ नेताओं का न उपस्थित होना पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के लिए चिंता की बात है।

पिछले कई दिनों से कई नेताओं के आ रहे पार्टी विरोधी बयान के बाद भाजपा ने 8 जून को उच्च स्तरीय संगठनात्मक बैठक बुलाई थी, लेकिन इस बैठक में मुकुल रॉय, शमिक भट्टाचार्य और राजीव बनर्जी जैसे बड़े नेता शामिल नहीं हुए। इसके बाद बंगाल की राजनीति गरमा गई है।

प्रदेश अध्यक्ष ने दी सफाई
हालांकि पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा है कि बैठक में पार्टी के कुछ नेताओं का शामिल नहीं होना कोई चिंता की बात नही है। उन्होंने कहा कि मुकल रॉय की पत्नी की तबीयत खराब चल रही है। इसलिए वे इस बैठक में नहीं आ सके। प्रवक्ता शमिक भट्टाचार्य के पिता का निधन हो गया है, जबकि राजीव बनर्जी निजी कारणों से बैठक में नहीं आ सके।

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अटकलबाजियों को मिल रही है हवा
बता दें कि बंगाल में इन दिनों कई नेता तृणमूल कांग्रेस पार्टी छोड़ने पर पछता रहे हैं और वे इसके लिए खेद व्यक्त कर रहे हैं। यहां तक सोनाली गुहा समेत कम से कम आधा दर्जन टीएमसी छोड़कर भाजपा में आए नेता ममता बनर्जी से माफी मांगते हुए फिर से अपनी पुरानी पार्टी में शामिल हो गए हैं। इस स्थिति में पार्टी की उच्च स्तरीय संगठनात्मक बैठक में वरिष्ठ नेताओं का शामिल नहीं होना अटकलबाजियों को हवा देने के लिए काफी है। इसका असर पार्टी के अन्य नेताओं के साथ ही कार्यकर्ताओं पर भी पड़ सकता है।

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