जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाने को लेकर विपक्ष आज भी केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधते रहता है। अब उसे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने करारा जवाब दिया है। उन्होंने विपक्ष से पूछा है कि अनुच्छेद 370 दशकों से लागू था, लेकिन क्या उस समय जम्मू-कश्मीर में शांति थी? उन्होंने कहा कि 2019 में संविधान में इस अनुच्छेद को निरस्त करने के साथ ही वहां शांति, उद्योगों में बड़ा निवेश और पर्यटकों की आमद शुरू हो गई है।
पिछले दिनों जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने कहा था कि अनुच्छेद 370 को बहाल किए जाने तक केंद्र शासित प्रदेश में सरकार शांति बहाल नहीं कर पाएगी। शाह अब्दुल्ला के इसी बयान पर पलटवार कर रहे थे। उन्होंने एचटी लीडरशिप समिट में बोलते हुए यह बात कही।
“टारगेट किलिंग में भारी कमी”
केंद्रीय मंत्री ने कहा,”अनुच्छेद 370 तो 75 साल पुराना है। तो वहां शांति क्यों नहीं थी? अगर शांति और 370 के बीच कोई संबंध है तो क्या यह अनुच्छेद 1990 में लागू नहीं होता? यदि हां, तो उस समय शांति क्यों नहीं थी? अब हमारे पास टारगेट किलिंग की संख्या है। यह पहले की अपेक्षा 10 प्रतिशत से भी कम है। इसका मतलब है कि वहां अब शांति है।”
“कोई सोच भी नहीं सकता था कि…”
यह कहते हुए कि किसी को विश्वास नहीं था कि अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35ए को निरस्त किया जा सकता है, उन्होंने अपने अंग्रेजी प्रोफेसर के साथ हुई बातचीत का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि भाजपा ने अनुच्छेद 370 को निरस्त करने का अपना पुराना वादा पूरा किया है। इसके लिए अब अगली पीढ़ी को टेंशन नहीं लेनी पड़ेगी।
ये भी पढ़ेंः ‘उन देशों’ से मुंबई आनेवालों को रहना होगा क्वारंटाइन
‘अब शांति और निवेश’
शाह ने कहा, “मुझे खुशी है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 5 अगस्त 2019 को संविधान से अनुच्छेद 370 को निरस्त कर दिया। कश्मीर में अब शांति है, निवेश किया जा रहा है, वहां पर्यटक आ रहे हैं और जम्मू-कश्मीर धीरे-धीरे देश के बाकी हिस्सों के साथ जुड़ने की कोशिश कर रहा है। ”