Maharashtra: एक अंशकालिक अध्यक्ष या अंशकालिक वकील इस कार्य को पूरा नहीं कर सकता था। इसके लिए खुद को पूरी तरह से पार्टी के प्रति समर्पित करना होगा। यह भी ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि जब कंपाउंडर ऑपरेशन करता है, तो हमने परिणाम देखा है। यह कहते हुए स्पीकर राहुल नार्वेकर(Speaker Rahul Narvekar) ने उबाठा प्रमुख उद्धव ठाकरे(Ubatha chief Uddhav Thackeray) पर हमला बोला।
किसी पार्टी कार्यक्रम को केवल अलमारी में बंद करके नहीं रखा जा सकता
उबाठा गुट ने प्रेस कॉन्फ्रेंस(press conference) कर विधायक अयोग्यता मामले(MLA disqualification case) में राहुल नार्वेकर द्वारा लिए गए फैसले की आलोचना की। इसके बाद नार्वेकर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस पर सफाई दी। पार्टी चलाना एक ज़िम्मेदारी भरा काम है, पार्टी का संविधान कागज़ पर लिखकर कोठरी में रख देना नहीं है। इस पर काम होना चाहिए। उबाठा द्वारा दिखाए गए पत्र में बदली हुए संविधान का जिक्र नहीं है। 2013 के पत्र में पार्टी संविधान का जिक्र नहीं था। सुप्रीम कोर्ट ने आयोग को पार्टी संविधान को आधार मामने का आदेश दिया था। आयोग ने 1999 का संविधान दिया। नार्वेकर ने यह भी कहा कि उन्होंने एक लिखित पत्र के जरिए चुनाव आयोग को शिवसेना के संशोधित संविधान की प्रति देने की मांग की थी
Maharashtra: शिवसेना विधायक अयोग्यता मामला! … तो जनता तय करे, उद्धव ठाकरे ने बोला शिंदे गुट पर हमला
कोई दिखावटी सोने वाले को कैसे जगा सकता है?
हम सोते हुए आदमी को जगा सकते हैं, लेकिन हम एक दिखावटी सोने वाले को कैसे जगा सकते हैं? तो फिर ठाकरे गुट से विधायक अयोग्यता मामले पर मेरे फैसले को समझने की उम्मीद कैसे की जा सकती है? मैंने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन किया। 10 जनवरी को मैंने अयोग्यता याचिका पर फैसले की घोषणा की। इसके बाद से पार्टी के कुछ कार्यकर्ता और पदाधिकारी भ्रांतियां फैला रहे हैं। इसे दूर करने के लिए लोगों को मामले को समझाने की जरूरत है। उन्होंने यह भी कहा कि परिणाम के बाद इस स्पष्टीकरण की कोई जरूरत नहीं है।