Water crisis: भीषण गर्मी के बीच दिल्ली में बिजली संकट के साथ ही पानी का संकट बढ़ता जा रहा है। राजधानी में पानी को लेकर हर रोज गलियों और सड़कों पर झगड़े हो रहे हैं। इस बीच पानी को लेकर राजनीति भी तेज हो गई है। दिल्ली, हरियाणा हिमाचल के बीच आरोप प्रत्यारोप का खेल चल रहा है। लेकिन दिल्ली वाले बूंद-बूंद के लिए तरस रहे हैं। दूसरी तरफ टैंकर माफिया अपना धंधा चमकाने में जुटे हुए हैं।
सर्वोच्च न्यायालय ने लगाई फटकार
सर्वोच्च न्यायालय ने मामले में हस्तक्षेप करते हुए दिल्ली सरकार से पानी की बर्बादी और टैंकर माफियाओं की मौजूदगी को लेकर सवाल किया है। न्यायालय ने सरकार को निर्देश दिया है कि वह पानी की बर्बादी को रोकने और गर्मी में पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करे
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पानी टैंकर माफिया का खेल बदस्तूर जारी
दिल्ली को प्रतिदिन 1,300 मिलियन गैलन यानी एमजीडी पानी की आवश्यकता है, जबकि दिल्ली जल बोर्ड सिर्फ 1000 एमजीडी पानी ही उपलब्ध करा पाता है । राजधानी दिल्ली में पानी की किल्लत को देखते हुए दिल्ली सरकार ने पानी के लिए बोरवेल खोदने पर बैन लगा रखा है। लेकिन बवाना में 16 हजार से ज्यादा ऐसे प्लॉट्स हैं, जहां 1000 से ज्यादा बोरवेल हैं। इन्हें दिल्ली नगर निगम ने 99 साल की लीज पर ले रखा है। ऐसा भी कहा जाता है कि ज्यादातर यूनिट्स वॉटर कनेक्शन लेने से बचते हैं और पानी के टैंकर के भरोसे रहते हैं। इस तरह पानी की चोरी होती है। बीजेपी ने आरोप लगाया है कि पानी माफिया आम आदमी पार्टी के साथ मिला हुआ है।
उपराज्यपाल ने संभाली कमान
दिल्ली में पानी की कील्लत को देखते हुए उपराज्यपाल वीके सक्सेना सक्रिय हो गए हैं। उप राज्यपाल ने दिल्ली सरकार को राजधानी की जनता को पानी उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। गर्मी लगातार बढ़ती जा रही है। ऐसे में दिल्ली वालों को बिजली के बीच पानी के झटके भी लग रहे हैं। दिल्ली में तापमान 42 डिग्री सेल्सियस से ऊपर पहुंच गया है। लेकिन दिल्ली सरकार और जल बोर्ड बहानेबाजी और गलतबयानी से जनता को भ्रमित करने का काम कर रही है।