भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने 20 मार्च को पूर्व मुख्यमंत्री एवं सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव पर तंज कसा। त्रिपाठी ने कहा कि अखिलेश जिस राजनीतिक दल से गठबंधन करते हैं, वहां कलह उत्पन्न हो जाता है। उन पार्टियों के नेता अपने नेतृत्व के खिलाफ मुखर हो जाते हैं या फिर नेतृत्व ही उन्हें किनारे कर देता है।
राकेश त्रिपाठी ने ट्वीट कर कहा कि जहां-जहां अखिलेश, वहां-वहां क्लेश। आगे लिखते हैं कि अखिलेश का पहले चाचा के साथ, फिर पिता के साथ क्लेश हुआ। चाचा शिवपाल यादव पार्टी से बाहर हो गये। शिवपाल ने अलग पार्टी का गठन कर लिया। पिता को भी पार्टी की आंतरिक सत्ता से किनारे कर दिया।
जब हाथ का पकड़ा साथ..
त्रिपाठी आगे लिखते हैं कि अखिलेश यादव ने जब हाथ का साथ पकड़ा तो कांग्रेस में हुआ क्लेश। कांग्रेस और सपा का गठबंधन होने के बाद वहां भी कलह शुरू हो गई। रीता बहुगुणा जोशी जैसी कद्दावर नेता भाजपा के साथ चली गईं। तब से कांग्रेस के भीतर उठापटक जारी है। कांग्रेस निरंतर नीचे की ओर जा रही है। इसी प्रकार उन्होंने बसपा की खींचतान को भी अखिलेश को कारण मानते हुए लिखा है कि जब हाथी बना साथी तो वहां भी फैला क्लेश। बसपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष, नेता विधानमंडल दल समेत कई कद्दावर नेता बसपा से बाहर हो गये। इसका खामियाजा बसपा को भुगतना पड़ रहा है।
रालोद में भी क्लेश
भाजपा प्रवक्ता त्रिपाठी ने लिखा है कि अब जयंत चौधरी की राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) में मच गया क्लेश। दरअसल रालोद के प्रदेश अध्यक्ष ने इस्तीफा दे दिया है। भाजपा प्रवक्ता इसके लिए भी अखिलेश को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। इसके बाद आखिरी में वे लिखते हैं कि सचमुच अद्भुत हैं अखिलेश, अध्ययन करो केस हैं विशेष। उन्होंनेआखिर में ‘बुरा न मानो होली है’ का हैशटैग दिया है।