‘white paper’ in Lok Sabha: यूपीए सरकार के आर्थिक कुप्रबंधन पर वित्त मंत्री ने लोकसभा में पेश किया ‘श्वेत पत्र’

इस ‘श्वेत पत्र' में यूपीए सरकार के 10 सालों के आर्थिक कुप्रबंधन को दिखाने के साथ-साथ एनडीए सरकार के कामकाज को भी दर्शाया गया है। ‘श्वेत पत्र' में यूपीए सरकार के दौरान आर्थिक कुप्रबंधन पर विस्तार से जानकारी दी गई है।

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‘white paper’ in Lok Sabha: केंद्रीय वित मंत्री (Union Finance Minister) निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने लोकसभा (Lok Sabha) में गुरुवार 8 फ़रवरी को वर्ष 2014 के पहले की भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) से जुड़ा श्वेत पत्र (white paper) पेश किया। इस श्वेत पत्र में केंद्र की कांग्रेस-नीत यूपीए सरकार के आर्थिक कुप्रबंधन के बारे में बताया गया है। इसमें यूपीए सरकार के मुकाबले नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा-नीत एनडीए सरकार के कामकाज को दर्शाया गया है।

आर्थिक कुप्रबंधन
इस ‘श्वेत पत्र’ में यूपीए सरकार के 10 सालों के आर्थिक कुप्रबंधन को दिखाने के साथ-साथ एनडीए सरकार के कामकाज को भी दर्शाया गया है। ‘श्वेत पत्र’ में यूपीए सरकार के दौरान आर्थिक कुप्रबंधन पर विस्तार से जानकारी दी गई है। इसमें भारत की आर्थिक बदहाली और अर्थव्यवस्था पर इसके नकारात्मक प्रभावों के बारे में बताया गया है। यह ‘श्वेत पत्र’ यूपीए सरकार के वित्तीय कुप्रबंधन और एनडीए सरकार की वित्तीय समझदारी को दिखाने के लिए एक तुलनात्मक विश्लेषण भी है।

व्यापक भ्रष्टाचार
59 पेज के ‘भारतीय अर्थव्यवस्था पर श्वेत पत्र’ में कहा गया है कि जब 2014 में मोदी सरकार ने सत्ता संभाली, तो अर्थव्यवस्था “नाजुक स्थिति” में थी, सार्वजनिक वित्त “खराब स्थिति” में थे। वहाँ आर्थिक कुप्रबंधन और वित्तीय अनुशासनहीनता और व्यापक भ्रष्टाचार था। “यह एक संकट की स्थिति थी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा संसद में पेश किए गए दस्तावेज़ में कहा गया है, ”अर्थव्यवस्था को चरण दर चरण सुधारने और शासन प्रणालियों को व्यवस्थित करने की ज़िम्मेदारी बहुत बड़ी थी।”

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