भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने अपने राष्ट्रीय महासचिव और प्रभारी जेएंडके तरुण चुघ के नेतृत्व में 31 जनवरी को ज्यौड़ियां में 1953 के प्रजा परिषद आंदोलन के शहीदों को भावभीनी श्रद्धांजलि दी। तरुण चुग ने लाल चौक पर तिरंगा फहराने में कांग्रेस पार्टी की 70 साल की देरी के लिए राहुल गांधी से भी सवाल किया। तरुण चुघ के साथ पूर्व उप सीएम डॉ. निर्मल सिंह, जम्मू-कश्मीर भाजपा के उपाध्यक्ष शाम लाल शर्मा, भाजपा के वरिष्ठ नेता देवेंद्र सिंह राणा, वरिष्ठ नेता दलजीत सिंह चिब और पार्टी के अन्य नेता भी थे। इस मौके पर सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधी और प्रमुख स्थानीय लोग भी उपस्थित थे।
तरुण चुघ ने शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि अनुच्छेद 370 और 35ए को हटाने का संघर्ष 70 साल तक चला। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर का संघर्ष और आंदोलन का लंबा इतिहास रहा है। इतिहास के पन्ने त्याग, तपस्या और त्याग से भरे पड़े हैं। उन्होंने कहा कि जब शेख अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर में प्रवेश करने के लिए परमिट प्रणाली लागू की तो प्रजा परिषद ने नारा दिया, देश में दो प्रधान, दो विधान, दो निशान नहीं चलेंगे, नहीं चलेंगे।
खूनी इतिहास से कराया अवगत
भाजपा नेता ने कहा कि 11 जनवरी 1953 को, लोहड़ी के त्योहार से दो दिन पहले पुलिस ने एक जुलूस पर गोलियां चलाईं, जिसमें 5,000 से अधिक लोग भाग ले रहे थे। इसमें दो लोग मारे गए और 70 से अधिक घायल हो गए थे। 31 जनवरी 1953 को ज्योडियां गांव में प्रदर्शनकारी किसानों की भारी भीड़ जमा हो गई और हाथों में तिरंगा लेकर जम्मू की ओर निकल पड़े। तरुण चुघ ने कहा कि पुलिस ने आंदोलनकारियों पर गोलियां चलाईं, जिसमें 7 लोग मारे गए, जिनके बलिदान और भावना को सलाम करने के लिए हम सब यहां इकट्ठे हुए हैं। तरुण चुघ ने कहा कि हमें इन हुतात्माओं के बलिदानों को कभी नहीं भूलना चाहिए, जिन्होंने प्रजा परिषद आंदोलन को एक बड़े आंदोलन में बदल दिया, जिसने अंततः अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के साथ लक्ष्य को प्राप्त किया। इसके बाद जम्मू-कश्मीर सभी मोर्चों पर अभूतपूर्व विकास देख रहा है।
राहुल गांधी से सवाल
तरुण चुग ने लाल चौक पर तिरंगा फहराने में कांग्रेस पार्टी की 70 साल की देरी के लिए राहुल गांधी से भी सवाल किया। उन्होंने कहा कि उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार का आभारी होना चाहिए कि वह बिना परमिट के जम्मू-कश्मीर में प्रवेश कर सकते हैं और बिना किसी मुद्दे के लाल चौक पर तिरंगा फहरा सकते हैं।
मिशन पूरा
डॉ. निर्मल सिंह ने कहा कि आंदोलन के दौरान लोगों ने अलग संविधान, अलग झंडा, अलग सदर-ए-रियासत और परमिट सिस्टम के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराया और भाजपा सरकार के कार्यकाल में भारतीय संविधान और भारतीय तिरंगा पूरी तरह से जम्मू-कश्मीर तक पहुंचने के साथ मिशन पूरा हुआ। शाम लाल शर्मा ने कहा कि देश 1947 में आजाद तो हुआ लेकिन हमारे राज्य के नागरिकों को अन्य राज्यों की तरह आजादी नहीं मिली। उन्होंने कहा कि आज हम लोकतांत्रिक व्यवस्था में रहने पर गर्व महसूस करते हैं लेकिन इसका श्रेय इन शहीदों को जाता है।
हुतात्माओं के बलिदान को किया याद
देवेंद्र सिंह राणा ने कहा कि इन हुतात्माओं के बलिदान को हमेशा याद रखा जाएगा। उन्होंने जनता से अपील की कि वे इन वीरों के इतिहास को आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचाएं ताकि उनमें देशभक्ति की भावना को आत्मसात किया जा सके।