Jharkhand Politics: झारखंड में बनेगी नई पार्टी या खिलेगा कमल, जानिए दिल्ली से क्या बोले चंपई सोरेन

झारखंड के 30 से 40 हजार कार्यकर्ता मेरे साथ हैं। तो एक नया संगठन बनाया जा सकता है। इस संबंध में एक सप्ताह में निर्णय देश और झारखंड को पता चल जायेगा।

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पिछले कुछ दिनों से झारखंड (Jharkhand) की राजनीति (Politics) में भूचाल आया हुआ है और केंद्र में हैं पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन (Former Chief Minister Champai Soren)। झारखंड से लेकर दिल्ली (Delhi) तक वे चर्चा में हैं। वह मंगलवार को दिल्ली गये थे, इसको लेकर तरह-तरह की चर्चाएं चल रही थीं। हालांकि, चंपय का कहना है कि वह निजी काम से गये थे।

झारखंड के 30 से 40 हजार कार्यकर्ता मेरे साथ हैं। तो एक नया संगठन बनाया जा सकता है। इस संबंध में एक सप्ताह में निर्णय देश और झारखंड को पता चल जायेगा। दिल्ली में मेरी बेटी और पोता है। लेकिन हम पहले ही एक नया अध्याय शुरू करने की बात कर चुके हैं। जनता ने भी यही राय दी है।

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राजनीति नहीं छोड़ेंगे
चंपई सोरेन ने कहा है कि वह राजनीति नहीं छोड़ेंगे। नई पार्टी बनाने का विकल्प भी खुला है। वह अपने बयान पर कायम हैं और उन्होंने कहा है कि झारखंड मुक्ति मोर्चा नेताओं ने उनका अपमान किया है। यह मेरे जीवन का एक नया अध्याय है। मैं राजनीति नहीं छोड़ूंगा। मुझे अपने समर्थकों से बहुत प्यार और समर्थन मिला है। मैं एक नई पार्टी बना सकता हूं। झामुमो की ओर से किसी ने मुझसे संपर्क नहीं किया। जब मैं छात्र था तभी से मैंने संघर्ष किया है। मैंने पार्टी प्रमुख शिबू सोरेन के नेतृत्व में अलग राज्य के आंदोलन में भाग लिया है।

समान विचारधारा वाले संगठन या किसी अन्य से दोस्ती का हाथ स्वीकार किया जाएगा। 18 अगस्त को एक्स पर पोस्ट के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा, ”मुझे जो सही लगा मैंने वही पोस्ट किया। पूरा देश जानता है कि मैंने क्या सोचा। भाजपा में शामिल होने की बात पर उन्होंने कहा, ‘जब हम मुख्यमंत्री थे तो हमें काफी अपमान सहना पड़ा। कई लोगों ने हमें वैकल्पिक रास्ता अपनाने के लिए मजबूर किया।’ इस बीच चंपई सोरेन की गिनती झारखंड के बड़े नेताओं में होती थी। 1990 के दशक में उन्होंने अलग राज्य के संघर्ष में हिस्सा लिया। उनके योगदान के लिए उन्हें ‘टाइगर ऑफ झारखंड’ नाम दिया गया। 2000 में, झारखंड को बिहार के दक्षिणी हिस्से से अलग कर बनाया गया था।

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