“…उन्होंने गुजरात के दो गधे जैसे शब्दों का प्रयोग किया था!” प्रधानमंत्री ने अखिलेश यादव और जयंत चौधरी पर साधा निशाना

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के पहले चरण की पूर्व संध्या पर प्रसारित इस साक्षात्कार में पीएम मोदी ने राज्य के विपक्षी गठबंधन पर तीखे हमले किए।

123

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि उनकी सरकार सबको साथ लेकर चलने तथा विविधता में एकता के सिद्धांत में विश्वास रखती है लेकिन दुर्भाग्य से देश में कुछ ऐसे लोग हैं, जो विविधता के नाम पर अलगाव पैदा करने की कोशिश करते हैं। उन्होंने कहा कि निहित स्वार्थी तत्व विविधता के विचार का दुरुपयोग करते हैं।

एक विशेष साक्षात्कार में मोदी ने कहा कि वह जन कल्याण के लिए आगामी वर्षों में भी जी जान से काम करेंगे तथा देश को तबाही के रास्ते पर नहीं जाने देंगे। अपने एक घंटे से लंबे साक्षात्कार में मोदी ने देश की राजनीति, परिवारवाद, भ्रष्टाचार, किसान आंदोलन और कोविड-19 जैसे विभिन्न विषयों पर अपने विचार रखे।

साक्षात्कार की खास बातें
-उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के पहले चरण की पूर्व संध्या पर प्रसारित इस साक्षात्कार में पीएम मोदी ने राज्य के विपक्षी गठबंधन पर तीखे हमले किए। सपा नेता अखिलेश यादव और राष्ट्रीय लोकदल नेता जयंत चौधरी का नाम लिए बिना उन्होंने कहा, “यह दो लड़कों वाला खेल हमने पहले भी देखा था और उन्हें इतना अहंकार था कि उन्होंने गुजरात के दो गधे जैसे शब्दों का प्रयोग किया था। इसके बाद उत्तर प्रदेश की जनता ने उन्हें सबक सिखाया था।” मोदी ने बसपा प्रमुख मायावती का नाम लिए बिना कहा, “पिछली बार दो लड़के भी थे और एक बुआ जी भी उनके साथ थीं, फिर भी उनके हाल में बदलाव नहीं हुआ।”

-किसान आंदोलन और फिरोजपुर की घटना के संबंध में पूछे गए सवाल के उत्तर में मोदी ने कहा, “मैं किसानों के दिल जीतने के लिए निकला हूं। मैं छोटे किसानों का दर्द समझता हूं और मैंने हमेशा उनके दिल जीतने का प्रयास किया है और हिंदुस्तान के किसानों ने मेरा समर्थन किया भी है।”

-कृषि कानूनों के संबंध में उन्होंने कहा कि किसानों की भलाई के लिए सरकार ने यह कदम उठाया था लेकिन देशहित में इन्हें वापस लिया गया। मोदी ने विश्वास व्यक्त किया कि कालांतर में यह पता चल जाएगा कि कृषि सुधार कानूनों की जरूरत क्यों पड़ी थी।

-आंदोलनरत किसानों के साथ वार्ता के संबंध में पूछे प्रश्न के जवाब में प्रधानमंत्री ने कहा कि इस देश के लोकतंत्र का यह सबसे पहला कर्तव्य बनता है कि जनता के साथ संवाद चलते रहना चाहिए, हम लगातार संवाद करते हैं। हर किसी को मुझे और मेरी सरकार को भी सुनना चाहिए और बातचीत करनी ही चाहिए।

-पंजाब के फिरोजपुर में उनके काफिले के फंसने की घटना का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि इस संबंध में वे मौन रहना पसंद करेंगे। पूरे घटनाक्रम की जांच सर्वोच्च न्यायालय की निगरानी में चल रही है। इसलिए इस संबंध में उनकी ओर से कुछ कहना जांच प्रक्रिया को प्रभावित कर सकता है।

-मोदी ने उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में किसानों से जुड़ी घटना के संबंध में कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने इस संबंध में न्यायालय को पूरा सहयोग प्रदान किया है। राज्य सरकार पूरी पारदर्शिता से काम कर रही है। सुप्रीम कोर्ट ने समिति का गठन किया था तथा जिस न्यायाधीश को जांच के साथ जोड़ा था उसपर राज्य सरकार ने अपनी सहमति दी थी।

-मोदी ने साक्षात्कार के दौरान कांग्रेस को आलोचना का मुख्य निशाना बनाया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की कार्यशैली और विचारधारा के आधार सम्प्रदायवाद, जातिवाद, भाषावाद, प्रांतवाद, भाई-भतीजावाद और भ्रष्टाचार हैं। अगर यही इस देश की मुख्य धारा में रहेगा तो देश का कितना बड़ा नुकसान होगा। देश की आज जो हालत है उसमें सबसे जिम्मेदार कोई मुख्य धारा है तो वे कांग्रेस है। जब परिवारवादी राजनीति चलती है, परिवार को बचाओ देश बचे न बचे, पार्टी बचे न बचे.. ये जब होता है, तब सबसे ज्यादा नुकसान टैलेंट का होता है। सार्वजनिक जीवन में जितने अधिक टैलेंट आये ये बहुत जरूरी है। इसलिए राजनीतिक दलों का लोकतंत्रीकरण बहुत आवश्यक है। परिवारवादी पार्टियां लोकतंत्र की सबसे बड़ी दुश्मन हैं क्योंकि ये लोकतंत्र के मूलभूत सिद्धांतों को ही नकारते हैं।

-पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की ओर से लोकसभा में उठाए गए सवालों के बारे में उन्होंने कहा कि विदेश मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय की ओर से इन मुद्दों पर बयान जारी किए जा चुके हैं। वह स्वयं उस व्यक्ति पर कुछ बोलना नहीं चाहते जो खुद ही सदन से नदारद रहते हैं।

-प्रधानमंत्री ने कहा कि एक परिवार से अनेक लोग जनता के बीच जाएं और जनता उनका चुनाव करके भेजे, वो राजनीति का एक पहलू है। लेकिन एक परिवार के लोग ही पार्टी के अध्यक्ष बनें, कोषाध्यक्ष बनें, पार्लियामेंट्री बोर्ड बने रहें, पिताजी अगर नहीं कर सकते तो पुत्र उस पार्टी का अध्यक्ष बनें।

-उन्होंने कहा कि नकली समाजवाद असल में पूरी तरह परिवारवाद है। लोहिया जी का परिवार कहीं नजर आता है क्या? जॉर्ज फर्नांडिस का परिवार कहीं नजर आता है क्या? नीतीश बाबू का परिवार कहीं नजर आता है क्या? ये भी समाजवादी लोग हैं, कहीं इन सबका परिवार नजर आता है क्या?

-प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारा देश इतना बड़ा है, अगर हम एक दूसरे के विपरीत काम करेंगे तो हमारे संसाधन नष्ट हो जाएंगे और देश के विकास की गति रुक जाएगी। इसलिए बहुत आवश्यक है कि लोगों के कल्याण के काम हम मिल बैठकर करें और ज्यादा तेजी से करें।

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.