Delhi Exit Poll: क्या सच्च होगा दिल्ली विधानसभा चुनाव के एग्जिट पोल, BJP जीतेगी या AAP मारेगी बाजी

दिल्ली की आम आदमी पार्टी ने 23 जनवरी को मिडिल क्लास को सुविधाएं देने के लिए अलग से घोषणा-पत्र जारी किया और केजरीवाल ने मोदी को पत्र लिख दिया कि केंद्र सरकार को शिक्षा और स्वास्थ्य बजट बढ़ाना चाहिए।

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दिल्ली (Delhi) की सत्ता पर अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) की आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) 11 सालों से राज कर रही है। ‌लेकिन 8 फरवरी को आने वाले चुनावी नतीजे (Election Results) भाजपा (BJP) के पक्ष में जा सकते हैं। यह अनुमान तमाम एग्जिट पोल (Exit Poll) लगा रहे है। दिल्ली में भाजपा की 27 सालों के बाद सत्ता में वापसी के कई कारण हो सकते हैं। जिसमें 5 कारण प्रमुख लगते है। लेकिन इस बार दिल्ली विधानसभा (Delhi Assembly) के चुनाव में अरविंद केजरीवाल एजेंडा सेट करते गए और भाजपा के बने हुए जाल में फंसते गए।

केजरीवाल की मुफ्त रेवड़ियां का अधिकार खत्म
अरविंद केजरीवाल ने देश की राजनीति में मुफ्त, बिजली, पानी, बस यात्रा, शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएं देने का वादा किया। चुनाव की घोषणा से पहले ही दिल्ली की प्रत्येक महिला को 2100 रुपए हर महीने देने के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू कर दिया था। लेकिन भाजपा ने आम आदमी पार्टी की मुफ्त की घोषणाओं को चालू रखने का वादा करते हुए दिल्ली की प्रत्येक महिला को 2500 रुपए देने का वादा कर दिया। केजरीवाल ने पंजाब में भी यह वादा किया था लेकिन पंजाब में महिलाओं को पैसा नहीं मिला । केजरीवाल के इस वादे की हवा निकल गई ।

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केजरीवाल ने मध्यम वर्ग के लिए अलग से घोषणा पत्र जारी किया
दिल्ली की आम आदमी पार्टी ने 23 जनवरी को मिडिल क्लास को सुविधाएं देने के लिए अलग से घोषणा-पत्र जारी किया और केजरीवाल ने मोदी को पत्र लिख दिया कि केंद्र सरकार को शिक्षा और स्वास्थ्य बजट बढ़ाना चाहिए। साथ ही आयकर छूट की सीमा भी बढ़ानी चाहिए। ‌इस मुद्दे को भाजपा ने लपक लिया और मोदी सरकार ने आठवें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दे दी। इसके बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 12 लाख तक की आय की सीमा को टैक्स मुक्त कर दिया। इसका फायदा भाजपा के पक्ष में जा सकता है।

दिल्ली में जहरीले पानी की आपूर्ति को केजरीवाल ने एजेंडा बनाना चाहा
आम आदमी पार्टी के सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल ने 27 जनवरी को पानी की खराब गुणवत्ता पर सवाल उठाते हुए हरियाणा सरकार पर आरोप लगा दिया कि हरियाणा सरकार यमुना के पानी में जहर मिला रही है। केजरीवाल यहीं पर नहीं रुके उन्होंने यहां तक कह दिया कि भाजपा दिल्ली वासियों की सामूहिक हत्या करना चाहती है पर हम ऐसा नहीं होने देंगे। ‌ केजरीवाल ने यहां तक कहा कि दिल्ली जल बोर्ड के इंजीनियरों ने समय पर रहते पानी को दिल्ली के बॉर्डर पर रोक दिया नहीं तो जाने कितनी लोगों की जान चली गई होती। हरियाणा सरकार ने इस पर अरविंद केजरीवाल को घेर लिया और उसे अदालत तक ले गई। केजरीवाल का ये दांव भी उल्टा पड़ सकता है ।

कांग्रेस का चुनाव मैदान में आना
दिल्ली में कांग्रेस के अपने दम पर चुनाव लड़ने का फायदा भाजपा को मिल सकता है। ‌इस बार कांग्रेस ने भी केजरीवाल की राजनीति पर जमकर हमला बोला खासकर यमुना नदी की सफाई होने का मुद्दा उसके लिए नुकसान का सौदा साबित हो सकता है।

रमेश बिधूड़ी पर आतिशी के अपमान का आरोप पर भाजपा ने अफजल गुरु के समर्थन से जोड़ दिया। दिल्ली के मुख्यमंत्री आतिशी ने रमेश बिधूड़ी पर उनके सरनेम में सिंह जोड़े जाने का मुद्दा उठाया था।‌ लेकिन भाजपा ने इस मुद्दे को लपक लिया और इसे अफजल गुरु के समर्थन से जोड़कर आम आदमी पार्टी को बैकफुट पर डाल दिया। ‌चुनाव परिणाम चाहे जो आए लेकिन आम आदमी पार्टी ने अपनी ताकत का एहसास कर ही दिया। यह कहना गलत नहीं होगा कि 2013, 2015 और 2020 की जीत के बाद भी अरविंद केजरीवाल दिल्ली में एक ताकत बने हुए हैं। (Delhi Exit Poll)

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