Maharashtra Politics: क्या खाली रहेगा नेता प्रतिपक्ष का पद? विपक्षी दल ने की मुख्यमंत्री फडणवीस से मुलाकात

महाराष्ट्र में विधानसभा की 288 सीटें हैं। इस बार महायुति गठबंधन को 230 सीटें मिली हैं। जबकि महाविकास अघाड़ी को करीब 50 सीटें मिली हैं।

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महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव (Maharashtra Assembly Elections) में महाविकास अघाड़ी (Mahavikas Aghadi) को करारी हार का सामना करना पड़ा। इतना ही नहीं, महाविकास अघाड़ी में कोई भी दल विपक्षी नेता पद (Opposition Leader Post) के लिए जरूरी 29 सीटों के आंकड़े तक भी नहीं पहुंच सका। लेकिन अब महाविकास अघाड़ी ने विपक्षी दल (Opposition Party) के नेता का पद पाने के लिए मैदान में उतरना शुरू कर दिया है। महाविकास अघाड़ी ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Chief Minister Devendra Fadnavis) से मुलाकात की और मांग की कि उन्हें दिल्ली की तरह विपक्ष के नेता का पद दिया जाए।

महाविकास अघाड़ी जहां विपक्ष के नेता पद की मांग कर रही है, वहीं राहुल नार्वेकर ने कहा है कि वह विधानसभा अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठकर सही फैसला लेंगे। इससे पहले भी विपक्षी नेता पद को लेकर ऐसी ही फजीहत हुई थी।

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क्या खाली रहेगा नेता प्रतिपक्ष का पद?
नियमों के अनुसार, गठबंधन के आधार पर विपक्ष के नेता का पद नहीं मिल सकता है। 2014 और 2019 में जब एनडीए की सरकार बनी थी, तब लोकसभा में किसी भी पार्टी के पास विपक्ष के नेता का पद पाने के लिए पर्याप्त सांसद नहीं थे, इसलिए 2014 से 2024 तक लोकसभा में विपक्ष के नेता का पद खाली रहा।

बता दें कि विपक्ष का नेता बनने के लिए किसी भी सदन के कुल सदस्यों की संख्या का कम से कम दस प्रतिशत होना जरूरी है। यानी अगर महाराष्ट्र विधानसभा में 288 सीटें हैं, तो उसका दस प्रतिशत यानी कम से कम 29 सीटें चाहिए। लेकिन विधानसभा के नतीजों के अनुसार, फिलहाल किसी भी विपक्षी दल के पास यह संख्या नहीं है।

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