20 सितंबर को लोकसभा में महिला आरक्षण बिल पास हो गया है। दो तिहाई बहुमत से ये बिल पास हो गया है। बिल के समर्थन में कुल 454 वोट पड़े, जबकि विपक्ष में मात्र दो वोट पड़े। सवाल पूछा जा रहा था कि ये दो सांसद कौन हैं, जिन्होंने महिला आरक्षण के विरोध में मतदान किया। तो उसका जवाब भी मिल गया है। मिली जानकारी के अनुसार असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एमआईएम के दोनों सासंंदों ने महिला आरक्षण बिल के विरोध में मतदान किया है।
बता दें कि एमआईएम के पास दो सांसद हैं। एक हैदराबाद सीट से जीते हुए खुद असदुद्दीन ओवैसी और दूसरा महाराष्ट्र के औरंगाबाद से इम्तियाज जलील हैं। समझा जा रहा है कि इन्होंने बिल के विरोध में मतदान किया।
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बता दें कि केंद्र की मोदी सरकार ने महिला आरक्षण बिल का नाम नारी शक्ति वंदन बिल दिया है। इस बिल का लोकसभा में पास होना एक ऐतिहासिक घटना है। अब इसे 21 सितंबर को राज्यसभा में रखा जाएगा। जिस तरह का अब तक इस बिल को समर्थन मिल रहा है, उससे लगता है कि राज्यसभा में भी यह बिल पास हो जाएगा। इसी के साथ राजनीति में महिलाओं को 33 प्रतिश आरक्षण मिलने लगेगा। यह मोदी सरकार का ऐतिहासिक कदम है। जिसका लाभ उसे आने वाले लोकसभा चुनाव में होने की पूरी संभावना है।
महिला आरक्षण बिल का विरोध करता हूंः ओवैसी
महिला आरक्षण बिला को ‘धोखा’ करार देते हुए एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने 20 सितंबर को नए संसद भवन में पेश किए गए महिला आरक्षण विधेयक का विरोध किया और सवाल किया कि ओबीसी और मुस्लिम महिलाओं, जिनका संसद में इससे भी कम प्रतिनिधित्व है, को कोई कोटा क्यों नहीं दिया जा रहा है।
ओवैसी ने सवाल दागा, “अपनी पार्टी की ओर से, मैं इस (महिला आरक्षण) कानून का विरोध करने के लिए खड़ा हूं क्योंकि कानून लाने का औचित्य यह सुनिश्चित करना है कि अधिक महिलाएं संसद और राज्य विधानसभाओं में निर्वाचित हों। यदि यही औचित्य है, तो उस औचित्य को ओबीसी और मुस्लिम महिलाओं तक क्यों नहीं बढ़ाया गया। वैसे भी इस सदन’ में उनका प्रतिनिधित्व न्यूनतम है।”
अर्जुन राम मेघवाल ने पेश किया बिल
केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने 20 सितंबर को संसद के निचले सदन में महिलाओं के लिए लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में 33 प्रतिशत सीटें आरक्षित करने के लिए संविधान संशोधन विधेयक पेश किया। विधेयक के अनुसार, यह लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन के बाद लागू होगा, जो अगली जनसंख्या जनगणना के पूरा होने के बाद किया जाएगा।
ओवैसी का आरोप
ओवैसी ने कहा कि मुस्लिम महिलाओं को दोहरे भेदभाव का सामना करना पड़ता है। उन्होंने सत्तारूढ़ भाजपा पर मुस्लिम और ओबीसी महिलाओं को उनका उचित हिस्सा देने से इनकार करने का आरोप लगाया। विधेयक पर बोलते हुए, ओवैसी ने कहा, “यह मोदी सरकार सवर्ण महिलाओं के लिए प्रतिनिधित्व बढ़ाना चाहती है। वह ओबीसी महिलाओं और मुस्लिम महिलाओं के लिए प्रतिनिधित्व नहीं चाहती है। ओवैसी ने आगे कहा, “मैंने सुना है (कि) धार्मिक आधार पर आरक्षण नहीं दिया जा सकता है? 1950 का राष्ट्रपति आदेश क्या है? आप मुस्लिम महिलाओं को इस आरक्षण में कोटा देने से इनकार करके उन्हें धोखा दे रहे हैं।