लोकसभा में महिला आरक्षण के मुद्दे पर चर्चा हुई। विभिन्न पार्टियों के सांसदों ने, चाहे वो विपक्षी पार्टी के हों या सत्ता पक्ष के, इस मुद्दे पर अपने-अपने पक्ष रखे। इस दौरान सोनिया गांधी ने तत्काल आरक्षण की मांग की। यह भी मांग की गई कि इस आरक्षण को पूरा किया जाए क्योंकि यह राजीव गांधी का सपना था। इसके बाद केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने उदाहरण देकर सोनिया गांधी को करारा जवाब दिया।
स्मृति ईरानी ने क्या कहा?
महिला आरक्षण विधेयक का आना देश के इतिहास की एक महत्वपूर्ण घटना है। हम नई लोकसभा में नए संकल्प के साथ आए हैं। उस दिन ऐसा होना महत्वपूर्ण था क्योंकि हमने गणेश चतुर्थी पर नई संसद में प्रवेश किया था। हमारे यहां यह रिवाज है कि जब हम किसी नए घर में प्रवेश करते हैं तो सबसे पहले गृहलक्ष्मी की पूजा करते हैं। कई घरों पर हमें गृहलक्ष्मी के हाथ के निशान दिखाई देते हैं। कुछ घरों में हमें लक्ष्मी के पदचिह्न दिखाई देते हैं। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा लाया गया बिल नए घर में लक्ष्मी के प्रवेश जैसा है।
जब हमारा देश आजाद हुआ, तब भी महिलाओं ने आरक्षण देने की मांग की। आज कुछ महानुभावों ने अटल बिहारी वाजपेयी और देवेगौड़ा का भी नाम लिया। मैं उन्हें बधाई देती हूं। उन्होंने यह भी कहा कि राजनाथ सिंह की कमेटी में मैं भी थी, सुषमा स्वराज थीं, सुमित्रा महाजन थीं, नजमा हेपतुल्ला थीं। स्मृति ईरानी ने कहा कि मैं उन सभी को बधाई देती हूं।
कांग्रेस पर हमला
एक कहावत है कि सफलता के कई पिता होते हैं और असफलता का कोई नहीं होता। इस हिसाब से मैं कहना चाहूंगी कि जब यह बिल संसद में पेश किया गया तो कुछ लोगों ने कहा कि यह हमारा अपना बिल है। किसी ने कहा कि हमने पत्र लिखा, तो किसी ने कहा कि इस बिल का संवैधानिक मसौदा हमारा है। हॉल में एक माननीय नेता ने अपनी बात रखी। मैं उनका विशेष रूप से आभारी हूं, क्योंकि अब तक हमें यही बताया गया है कि संविधान में एक ही परिवार ने 73वां और 74वां संशोधन किया। अब तक यही कहा गया है, लेकिन आज उन्होंने मान लिया कि ये संविधान संशोधन नरसिम्हा राव सरकार ने किया था। दूसरी मांग जो वे कर रहे हैं वह यह है कि इसे तत्काल लागू क्यों नहीं किया जाए। मैं आज इसकी प्रति लाया हूं,जिसमें लिखा है कि यह हमारा बिल है। कांग्रेस पार्टी का कहना है कि यह बिल राज्यसभा में पास हो गया और फिर लोकसभा में फेल हो गया।
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कांग्रेस की आलोचना
बिल के 3बी में यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी कहती हैं कि तीसरे आम चुनाव में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के लिए सीटों का आरक्षण नहीं होगा। आज की मोदी सरकार कानून आने पर 15 साल तक महिलाओं को आरक्षण की गारंटी देती है। लेकिन कांग्रेस ने 2बी और 3बी में पंद्रह साल का समय नहीं दिया था। उस प्रस्ताव में महिलाओं को 10 साल का समय दिया था। उसके बाद आपसे आपके अधिकार छीन लिए जाएंगे। मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बधाई देता हूं, जिन्होंने कांग्रेस की इस इच्छा को कुचल दिया है। वे (कांग्रेसी) अब कह रहे हैं कि तुरंत आरक्षण क्यों नहीं देते? घटना का मजाक उड़ाना कांग्रेस की पुरानी आदत है, लेकिन अगर हम संविधान के अनुच्छेद 82 को पढ़ें तो उसमें लिखा है कि ये चीजें जनगणना के बाद की जानी चाहिए, क्या विपक्षी दल संविधान का अपमान करना चाहते हैं? ये सवाल भी स्मृति ईरानी ने पूछा।
विपक्ष पर बोला हमला
स्मृति इरानी ने कहा कि अब पूछा जा रहा है कि आप ओबीसी और मुस्लिमों को आरक्षण क्यों नहीं दे रहे? मुझसे ज्यादा अनुभवी लोग जो बिना माइक और बिना सहमति के बोल रहे हैं, उन्हें शायद यह नहीं पता कि संविधान में धर्म के आधार पर आरक्षण की व्यवस्था नहीं है, इसलिए मैं इस बात पर जोर दे रही हूं कि आज हम उस भारत में रह रहे हैं, जहां व्यवस्था डिजिटल रूप में पहुंच चुकी है। मैं कहना चाहूंगी कि हमारे देश के लोगों को उस भ्रम में नहीं रहना चाहिए, जो विपक्षी दल पैदा करने की कोशिश कर रहा है।