आतंकी याकूब मजार प्रकरण: दो वर्षों तक शिकायत पर नहीं हुई कार्रवाई, आतंकी मेमन को किसका वरदान

याकूब की कब्र को सात वर्ष बाद भी बचाकर रखा गया है। मुंबई बम धमाकों में मेमन परिवार के सबसे अधिक सदस्य थे। इसके बाद भी जब कब्रस्तान के ट्रस्टी को धमकाया गया था, तब प्रशासन चुप्पी मारे बैठा रहा।

164

आतंकी याकूब मेमन कब्र विवाद में कुख्यात बदमाश टाइगर मेमन के नाम पर याकूब के भाई ने मरीन लाइंस स्थित बड़ा कब्रिस्तान के ट्रस्टी को धमकी दी थी। इस धमकी की शिकायत ट्रस्टी जलील नवरंगे ने वर्ष 2020 में पुलिस स्टेशन में दर्ज करवाई थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई थी। इस मामले की छानबीन अब मुंबई पुलिस कर रही है। इस प्रकरण में प्रश्न यही है कि, हिंदुत्व के नाम राजनीति करनेवाले तत्कालीन मुख्यमंत्री ने क्यों इस प्रकरण में ध्यान नहीं दिया?

विश्वस्त ने खोली पोल
बड़ा कब्रिस्तान के ट्रस्टी ने मीडिया को बताया कि 2020 में याकूब मेमन के रिश्तेदार रऊफ मेमन ने उनसे याकूब की कब्र की सजावट की अनुमति मांगी थी। जब वह इसके लिए तैयार नहीं हुए तो रऊफ ने टाइगर मेमन के नाम पर धमकी दी थी। इसकी लिखित शिकायत उन्होंने 1 जनवरी, 2020 को मुंबई पुलिस आयुक्त और महाराष्ट्र आतंकवाद निरोधी दस्ते के प्रमुख को दी थी।

ये भी पढ़ें – #VictimsofTerrorism संयुक्त राष्ट्र ग्लोबल कांग्रेस: 26/11 मुंबई हमला पीड़ित ने कहा, ‘कुछ ही पल में मैंने अपना सबकुछ खो दिया’, सच्चाई सुन छलके आंसू

उल्लेखनीय है कि वर्ष 1993 में मुंबई में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों के दोषी याकूब मेमन को फांसी देने के बाद उसे बड़ा कब्रिस्तान में दफनाया गया था। भाजपा का आरोप है कि पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की शह पर याकूब मेमन की कब्र का सौंदरीकरण किया गया। अब इस प्रकरण में भाजपा-शिवसेना की सरकार के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने जांच का आदेश दिया है। इसी जांच में सामने आया है कि, कब्र की सजावट के लिए टाइगर मेमन के नाम पर ट्रस्टी को धमकी दी गई थी।

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.