Year Ender 2024: वर्ष 2024 को कई कारणों से याद किया जाएगा, जिनमें से कुछ अच्छे होंगे तो कुछ सुखद यादें नहीं होंगी। वर्ष 2024 में होने वाली प्रमुख घटनाओं में से एक यह है कि देश को राजनीतिक परिदृश्य में महत्वपूर्ण नुकसान देखने को मिलेगा।
वर्ष के अंत के करीब आते ही, यहां कुछ महत्वपूर्ण राजनेताओं के नाम दिए गए हैं जो 2024 में दुनिया से चले गए:
मनमोहन सिंह (Manmohan Singh)
पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का 91 वर्ष की आयु में [तारीख डालें] को निधन हो गया। एक प्रसिद्ध अर्थशास्त्री और राजनेता, सिंह भारत के 1991 के आर्थिक सुधारों के वास्तुकार थे और 2004 से 2014 तक प्रधानमंत्री के रूप में कार्यरत रहे। अपनी ईमानदारी, विनम्रता और दूरदर्शी नेतृत्व के लिए जाने जाने वाले, उन्होंने भारत की अर्थव्यवस्था को बदल दिया और समावेशी विकास को बढ़ावा दिया। सिंह का निधन भारतीय राजनीति और शासन में एक युग का अंत है।
यह भी पढ़ें- ब्लड शुगर को कंट्रोल करने वाले 10 सुपरफूड्स: जानें इनके फायदे!
ओम प्रकाश चौटाला (Om Prakash Chautala)
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और भारतीय राजनीति में एक कद्दावर व्यक्ति ओम प्रकाश चौटाला का 89 वर्ष की आयु में निधन हो गया। इंडियन नेशनल लोकदल (आईएनएलडी) के एक दिग्गज नेता चौटाला ने कई बार हरियाणा के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया और राज्य के कृषि और ग्रामीण विकास पर एक महत्वपूर्ण छाप छोड़ी। अपने जमीनी स्तर के जुड़ाव और मुखर नेतृत्व के लिए जाने जाने वाले चौटाला ने किसानों के अधिकारों की रक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। अपने करियर के दौरान विवादों के बावजूद चौटाला क्षेत्रीय राजनीति में एक प्रमुख व्यक्ति बने रहे। उनके निधन से हरियाणा के राजनीतिक परिदृश्य में एक युग का अंत हो गया है, जो अपने पीछे एक स्थायी विरासत छोड़ गया है।

यह भी पढ़ें- Lal Krishna Advani: 14 दिन बाद अस्पताल से घर आए लालकृष्ण आडवाणी, अपोलो में थे भर्ती
सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi)
वरिष्ठ भाजपा नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी का कैंसर से जूझने के बाद 72 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उन्होंने 2005 से 2013 तक और फिर 2017 से 2020 तक बिहार के वित्त मंत्री के रूप में भी कार्य किया। उन्होंने एनडीए सहयोगी और जेडी(यू) प्रमुख नीतीश कुमार के साथ मजबूत संबंधों को बढ़ावा देने, बिहार के राजनीतिक परिदृश्य को आकार देने और राज्य में भाजपा की उपस्थिति को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
यह भी पढ़ें- IND-W vs WI-W: भारतीय महिला टीम ने वेस्टइंडीज को 5 विकेट से हराया, सीरीज को किया क्लीन स्विप
सीताराम येचुरी (Sitaram Yechury)
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के वरिष्ठ नेता सीताराम येचुरी का 72 वर्ष की आयु में निधन हो गया। पश्चिम बंगाल से पूर्व राज्यसभा सांसद और सीपीआई (एम) के पोलित ब्यूरो के सदस्य, येचुरी मार्क्सवादी सिद्धांतों के प्रति अपनी दृढ़ प्रतिबद्धता के लिए जाने जाते थे। उन्होंने अपने पूरे राजनीतिक जीवन में श्रमिकों के अधिकारों और आर्थिक समानता की वकालत की।
यह भी पढ़ें- Boxing Day Test: यशस्वी की पारी के बाद लड़खड़ाई भारत की पारी, भारत 310 रन से पीछे
ईवीकेएस एलंगोवन (EVKS Elangovan)
वरिष्ठ कांग्रेस नेता और तमिलनाडु कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ईवीकेएस एलंगोवन का 14 दिसंबर को निधन हो गया। एलंगोवन को फेफड़ों से संबंधित समस्या के कारण दो सप्ताह से अधिक समय तक गहन उपचार से गुजरना पड़ा। वे इरोड ईस्ट से विधायक और गोबीचेट्टीपलायम से पूर्व लोकसभा सांसद थे। उन्होंने 2004 से 2009 के बीच प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कार्यकाल में केंद्रीय कपड़ा मंत्री के रूप में कार्य किया।

यह भी पढ़ें- Pakistan: 26/11 आतंकी हमलों के आरोपी अब्दुल रहमान मक्की की मौत, जानिये कितना संगीन था आरोप
बाबा सिद्दीकी (Baba Siddiqui)
सिद्दीकी चार बार कांग्रेस के विधायक रहे, लेकिन बाद में वे एनसीपी (अजीत पवार गुट) से जुड़ गए। इस साल 12 अक्टूबर को मुंबई में उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई। बाद में पता चला कि उनकी हत्या लॉरेंस बिश्नोई गिरोह ने की थी। कथित तौर पर उनके बेटे जीशान सिद्दीकी भी निशाने पर थे। पुलिस ने इस मामले में अब तक दर्जनों गिरफ्तारियां की हैं। सिद्दीकी की मौत ने मुंबई की राजनीति में एक राजनीतिक शून्य पैदा कर दिया है, क्योंकि वे सबसे प्रमुख नामों में से एक थे।
यह भी पढ़ें- STF Raid: पश्चिम बंगाल एसटीएफ की बड़ी कार्रवाई, ड्रग्स जब्त; चार गिरफ्तार
जित्ता बालकृष्ण रेड्डी (Jitta Balakrishna Reddy)
बीआरएस नेता और पूर्व टीआरएस युवा कार्यकर्ता रेड्डी का 6 सितंबर को 52 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उन्हें तेलंगाना राज्य के निर्माण में उनके योगदान के लिए जाना जाता है। उनका निधन बीआरएस के लिए एक बड़ा झटका था और पार्टी में एक खालीपन छोड़ गया जिसे केसीआर के लिए भरना मुश्किल होगा।
यह भी पढ़ें- Delhi Politics: दिल्ली विधानसभा में पूरी ताकत झोंकने के मूड में भाजपा, बढ़ेंगी केजरीवाल की मुश्किलें
नटवर सिंह (Natwar Singh)
यूपीए के पहले कार्यकाल में देश के विदेश मंत्री के रूप में सेवा करने के लिए जाने जाते हैं, सिंह का 10 अगस्त को निधन हो गया। उनकी मृत्यु के समय उनकी आयु 95 वर्ष थी। वे एक आईएफएस अधिकारी थे, लेकिन 1984 में उन्होंने इस्तीफा दे दिया और राजनीति में शामिल हो गए। तेल के बदले खाद्यान्न घोटाले में उनका नाम आने के बाद उनका राजनीतिक करियर खत्म हो गया और इसके बाद 2006 में उन्हें कांग्रेस ने निलंबित कर दिया। बाद में, वे 2008 में बीएसपी में शामिल हो गए, लेकिन चार महीने बाद उन्हें निष्कासित कर दिया गया।
यह वीडियो भी देखें-
Join Our WhatsApp Community