उत्तर प्रदेश की 18वीं विधान सभा के परिणाम भारतीय जनता पार्टी को निर्बाध दूसरी बार सत्ता स्थापित करने का अवसर दिया है। यह परिणाम योगी आदित्यनाथ के लिए भी ऐतिहासिक है। वे पहले ऐसे मुख्यमंत्री हैं, जो लगातार दूसरी बाद मुख्यमंत्री बनेंगे।
उत्तर प्रदेश में पहली बार 1952 में विधान सभा चुनाव हुए थे। इसे 69 वर्ष हो गए हैं, इन कार्यकालों के बीच 25 वर्षों बाद कोई नेता दूसरी बार मुख्यमंत्री बन रहा है।
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ये रहें हैं मुख्यमंत्री
- 1952 में पहली बार संपूर्णानंद मुख्यमंत्री बने
- 1957 में चंद्रभानु गुप्ता मुख्यमंत्री बने
- 1962 में सुचेता कृपलानी मुख्यमंत्री बने
- 1967 में चौथी विधान सभा में फिर चंद्रभानु गुप्ता मुख्यमंत्री बने, इसके बाद चरण सिंह मुख्यमंत्री बने।
- 1969 में पांचवी विधान सभा में त्रिभुवन नारायण सिंह और उनके बाद कमलापति त्रिपाठी कुर्सी पर बैठे
- 1974 में छठवीं विधान सभा चुनाव में नारायण दत्त तिवारी मुख्यमंत्री बने
- 1977 में सातवीं विधान सभा चुनाव में बनारसी दास मुख्यमंत्री बने
- 1980 में 8वीं विधान सभा में श्रीपति मिश्र मुख्यमंत्री बने
- 1985 में नौवीं विधान सभा के लिए चुनाव के बाद वीर बहादुर सिंह मुख्यमंत्री बने, 1988 में नारायण दत्त तिवारी मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठे
- 10वीं विधानसभा में जनता दल की सरकार बनी और मुलायम सिंह यादव मुख्यमंत्री बने।
- 1991 में 11वीं विधान सभा के लिए कल्याण सिंह मुख्यमंत्री बने
- 1993 में 12वीं विधान सभा के लिए मुलायम सिंह यादव मुख्यमंत्री बने 1 साल 181 दिन मुख्यमंत्री रहने के बाद मायावती इस कुर्सी पर बैठीं। इसके पश्चात उत्तर प्रदेश में 1 साल 154 दिनों तक राष्ट्रपति शासन लगा रहा।
- 1996 में 13वीं विधानसभा चुनाव के बाद कल्याण सिंह और उसके बाद रामप्रकाश गुप्ता मुख्यमंत्री बन गए, इसी विधानसभा में राजनाथ सिंह भी मुख्यमंत्री बने।
- 14वीं विधानसभा में मायावती और मुलायम सिंह मुख्यमंत्री रहे।
- 15वीं विधानसभा 2007 से लेकर 2012 तक मायावती मुख्यमंत्री रहीं।
- 16वीं विधानसभा में अखिलेश यादव मुख्यमंत्री बने।
- 2017 में 17वीं विधान सभा के लिए योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री बने।