उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार प्रदेश में जमीन के झगड़ों को खत्म करने, राजस्व वादों में कमी लाने तथा भू-माफियाओं द्वारा भूमि पर अवैध कब्जे के प्रकरणों में कमी लाने के लिए विशेष वरासत अभियान चला रही है। योगी सरकार ‘आपकी जमीन, आपका अधिकार, सबको मिले अपना उत्तराधिकार’ के संकल्प के साथ विशेष वरासत अभियान चला रही है। दाे माह के इस अभियान की शुरुआत 30 मई को हुई थी, जो 31 जुलाई तक चलेगा। अभियान के तहत बिना किसी विवाद उत्तराधिकार को खतौनियों में दर्ज करने के लिए प्रदेश के सभी ग्राम सभाओं में कई सालों से लंबित पड़े वरासत के मामलों का निस्तारण किया जा रहा है।
शत-प्रतिशत वरासत के लंबित प्रकरणों का निस्तारण का लक्ष्य
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर राजस्व परिषद प्रदेश के सभी ग्राम सभाओं में विशेष वरासत अभियान चला रहा है। प्रदेश के हर जिलों में होने वाले तहसील दिवस पर भूमि विवाद से जुड़े मामले सबसे ज्यादा आते हैं। पुलिस के आंकड़ों में भी भूमि विवाद से संबधित मामले बहुत ज्यादा दर्ज होते हैं। ऐसे में अभियान का उद्देश्य तहसील कर्मियों की मनमानी पर रोक लगाने के साथ भूमि विवादों पर काफी हद तक अंकुश लगाने का है। योगी सरकार ने अभियान का लक्ष्य भी निर्धारित किया है, जिसमें अभियान के दौरान प्रदेश में निर्विवाद वरासत के लंबित प्रकरणों का शत प्रतिशत निस्तारण सुनिश्चित कराते हुए विधिक उत्तराधिकारियों का नाम खतौनी में दर्ज कराना है। 30 मई से शुरू हुए अभियान में अब तक 1,33,516 से अधिक आवेदन विभाग को प्राप्त हुए हैं, जिसमें से 1,23,733 से अधिक प्रकरणों को निपटाया जा चुका है।
अभियान का लाभ और उद्देश्य
विशेष वरासत अभियान से वरासत के प्रकरणों में समय से कार्रवाई होने से विधिक उत्तराधिकारी को उसके भौतिक अधिकार समय से मिल जाते हैं। साथ ही अनावश्यक राजस्व वादों में कमी आती है। भू माफियाओं तथा असामाजिक तत्वों द्वारा भूमि पर अवैध कब्जे के प्रकरणों में कमी आती है। भौमिक अधिकारों से जुड़ी कानून व्यवस्था बनाये रखने में सहायता मिलती है।
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