UP International Trade Show-2024: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 25 सितंबर को कहा कि देश की सबसे बड़ी आबादी के साथ ही उत्तर प्रदेश एमएसएमई की सर्वाधिक यूनिट रखने वाला भी राज्य है। एक सर्वेक्षण के अनुसार उप्र के 75 जनपदों में 96 लाख एमएसएमई यूनिट है। कृषि के बाद उप्र में यह सर्वाधिक रोजगार सृजन करने वाला क्षेत्र है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ यहां यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो-2024 के शुभारंभ समारोह को संबोधित कर रहे थे। इसके पूर्व योगी ने कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एवं उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का स्वागत किया और ट्रेड शो में विभिन्न स्टॉल का अवलोकन भी किया।
पीएम मोदी के नेतृत्व में अनेक कार्यक्रमों को बढ़ाया
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि सैकड़ों वर्ष से अलग-अलग क्षेत्रों में उप्र के अंदर रोजगार सृजन के लिए हस्तशिल्पियों और कारीगरों ने इन्हें बढ़ाने में योगदान दिया था लेकिन आजादी के बाद उचित प्रोत्साहन के अभाव व समय पर तकनीक न मिलने से वे बंदी के कगार पर पहुंच चुके थे। 2017 में उत्तर प्रदेश में हमारी सरकार आई तो प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व और मार्गदर्शन में आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना को साकार करने के विजन को धरातल पर उतारने के लिए अनेक कार्यक्रमों को आगे बढ़ाया गया। इसमें ओडीओपी के रूप में सभी 75 जनपदों का यूनिक प्रोडेक्ट तय किया गया। इसके प्रोत्साहन, ब्रांडिंग, मार्केटिंग, डिजाइनिंग, पैकेजिंग, टेक्नोलॉजी से जोड़ने के लिए अभियान को बढ़ाया गया। उप्र में यह रोजगार सृजन के सबसे महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में उभरा है।
श्रमिकों ने प्रदेश की अर्थव्यवस्था को किया मजबूत
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना के दौरान उप्र के श्रमिक अलग-अलग राज्यों में कार्य कर रहे थे। उनके सामने आजीविका का भीषण संकट खड़ा हुआ था। इन्हें लेकर देश चिंतित था लेकिन मैं निश्चिंत था कि उप्र में इतना पोटेंशियल है कि 40 लाख नहीं, 4 करोड़ लोग भी आएंगे तो उप्र इन्हें जगह देगा। उप्र में प्रवेश करते ही सभी 40 लाख कामगारों की स्किल मैपिंग कराई गई और हर जनपद को इसका डाटा उपलब्ध कराने के साथ संबंधित यूनिट में कार्य का ऑफऱ दिया गया। इन लोगों ने आकर उप्र की अर्थव्यवस्था को मजबूत किया।
ग्रोथ इंजन के रूप में जाना जा रहा उप्र
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में भारत की अर्थव्यवस्था को पांच ट्रिलियन डॉलर बनाने के अभियान के साथ ही उप्र को एक ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी बनाने की दिशा में प्रदेश तेजी से बढ़ रहा है। यह वही उप्र है, जो सात वर्ष पहले देश के विकास का बैरियर माना जाता था लेकिन आज यह देश के विकास के ग्रोथ इंजन के रूप में जाना जा रहा है। इसमें एमएसएमई सेक्टर की बड़ी भूमिका है। कोई भी बड़ा औद्योगिक निवेश बिना एमएसएमई बेस के आगे नहीं बढ़ सकता है।
उप्र के पास सर्वाधिक 75 जीआई टैग
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि उप्र में ऑनलाइन पंजीकरण के बाद यदि कोई एमएसएमई यूनिट आपदा का शिकार होती है तो राज्य शासन की तरफ से उसे पांच लाख रुपये की आर्थिक सहायता उपलब्ध कराते हैं। प्रदेश में फ्लैटेड फैक्टरी और निजी क्षेत्र में प्राइवेट इंडस्ट्रियल पार्क के निर्माण की कार्रवाई तेजी के साथ बढ़ी है। ओडीओपी योजना की सफलता के साथ ही उप्र के पास सर्वाधिक 75 जीआई टैग हैं। प्रोत्साहन के अभाव में जो उत्पाद दम तोड़ रहे थे, आज उसे आगे बढ़ाने का कार्य हो रहा है। उप्र के अलग-अलग सेक्टर में भी अनेक कार्य हुए हैं। उप्र का जो प्रोडक्शन है, उन्हें भी शोकेस का अवसर यूपीआईटीएस उपलब्ध करा रहा है।
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यहां होंगे अनेक कार्यक्रम
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि पांच दिन तक जी2जी, जी2बी समेत अनेक कार्यक्रम होंगे, जो न केवल उप्र के पोटेंशियल, बल्कि सांस्कृतिक-सामाजिक विविधता के विभिन्न पक्षों को प्रदर्शित करने के साथ ही उचित फोरम के रूप में स्थापित भी करेंगे। यह उप्र के उद्यमियों के लिए अपने प्रोडक्ट को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत करने का अवसर होगा।