छत्तीसगढ़ में सक्रिय नक्सलियों का कैसे हो रहा है टीकाकरण, इसको लेकर सच सामने आया है। इसके अलावा टेकलगुड़ा गांव में हुई मुठभेड़़ में कैसे 22 सुरक्षा बल के जवानों पर हमला किया गया, यह षड्यंत्र भी सामने आ गया है। यह सच दो नक्सलियों के समर्पण के बाद सामने आया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार पकड़े गए नक्सली दंपति हैं, इनका नाम पोज्जा उर्फ संजू माड़वी और उसकी पत्नी है तुलसी माड़वी। पोज्जा पामेड़ क्षेत्र के प्लाटून क्रमांक 9 का क्षेत्रीय कमांडर है, जबकि उसकी पत्नी पामेड़ क्षेत्र की सदस्य और डीवीसी सुरक्षा दल की कमांडर है। इन दोनों पर पांच-पांच लाख रुपए का इनाम था।
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ऐसे मिल रहे कोविड टीके
एक हिंदी चैनल से बात करते हुए समर्पण करनेवाले दंपति ने बताया कि, नक्सलियों को कोविड-19 से बचाने के लिए टीकाकरण अभियान चलाया गया था। इसके लिए टीके आंध्र प्रदेश और तेलंगाना से लाए गए थे। वहीं के स्वास्थ्य कर्मियों ने नक्सलियों का टीकाकरण किया था।
ऐसे हुए थे 22 जवान हुतात्मा
पोज्जा ने बताया कि टेकलगुड़ा हमला सुनियोजित नहीं था, बल्कि सुरक्षा कर्मियों के जंगल में प्रवेश की सुचना वॉकी टॉकी पर मिली थी। उस समय दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी लीडर हिडमा और दूसरे नेता जंगल में ही थे। सूचना मिलने के बाद योजना बनी कि, सुरक्षा कर्मियों को पहले जंगल में प्रवेश करने दिया जाए और उसके बाद घेरकर हमला किया जाए।
सुरक्षा कर्मी जब जंगल में प्रवेश कर गए तो ऊंचाई पर छुपकर बैठे नक्सलियों ने चारो ओर से फायरिंग शुरू कर दी। इसमें सुरक्षा बलों को जवाबी कार्रवाई का समय ही नहीं मिला। इस घटना में स्थानीय गांव के 25-30 लोग सम्मिलित थे। इस हमले में 22 सुरक्षा बलों के जवान वीरगति को प्राप्त हुए थे, जबकि 7 नक्सली मारे गए थे। जिसमें से 4 तुरंत मारे गए थे और 5 घायल थे, जिसमें से 3 ने उपचार के समय दम तोड़ दिया।
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