जी-20 शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए देश की राजधानी दिल्ली में दुनिया के 20 ताकतवर देशों के नेताओं का जमावड़ा लगना शुरू हो गया है। सुरक्षा के मद्देनजर भारतीय वायु सेना ने चीन और पाकिस्तान बॉर्डर पर 04 सितम्बर से चल रहे अभ्यास ”त्रिशूल” पर रोक लगा दी है। सिर्फ एक्सरसाइज त्रिशूल में शामिल विमानों के उड़ान और संचालन पर रोक लगाई गई है, जबकि अन्य नियमित उड़ानें जारी रहेंगी। जी-20 की सुरक्षा के लिए मिराज-2000 और राफेल जैसे लड़ाकू विमान एयर पेट्रोलिंग करेंगे।
राजधानी में जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान हवाई क्षेत्र की सुरक्षा जिम्मेदारी भारतीय वायु सेना की होगी, जिसके लिए दिल्ली और उसके आसपास बड़ी संख्या में रक्षात्मक और हमलावर हथियारों को पहले ही तैनात किया गया है। शिखर सम्मेलन में शामिल होने तमाम वैश्विक नेता राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली आने लगे है, जिन्हें कड़ी सुरक्षा घेरे में रखा गया है। आसमानी सुरक्षा के लिए दिल्ली और उसके आसपास बड़ी संख्या में रक्षात्मक और हमलावर हथियारों को तैनात किया गया है। जी-20 की सुरक्षा के लिए मिराज-2000 और राफेल जैसे लड़ाकू विमान एयर पेट्रोलिंग करेंगे।
आकाश मिसाइल डिफेंस सिस्टम जैसी वायु रक्षा प्रणालियों को तैनात किया
शिखर सम्मेलन की तैयारियों के बीच वायु सेना ने 04 सितम्बर से चीन और पाकिस्तान बॉर्डर पर सैन्य अभ्यास शुरू किया था, जिसे ”त्रिशूल” नाम दिया गया। वायु सेना ने 14 सितंबर तक चलने वाला यह अभ्यास लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर और पंजाब सहित उत्तरी क्षेत्र में ऐसे समय शुरू किया था, जब जी-20 शिखर सम्मेलन की हवाई सुरक्षा करने की जिम्मेदारी भी वायु सेना के ही पास है। शिखर सम्मेलन को देखते हुए वायु सेना ने अपना हवाई अभ्यास ”त्रिशूल” बीच में ही रोक दिया है। इस अभ्यास में राफेल, मिराज-2000 और सुखोई-30 सहित चिनूक और अपाचे सहित भारी-लिफ्ट परिवहन विमान भी भाग ले रहे थे। ”त्रिशूल” में शामिल विमानों के उड़ान और संचालन पर रोक लगा दी गई है, जबकि अन्य नियमित उड़ानें जारी रहेंगी।
वायु सेना ने दिल्ली के आसमान की सुरक्षा के लिए आकाश मिसाइल डिफेंस सिस्टम और एंटी-एयरक्राफ्ट गन जैसी वायु रक्षा प्रणालियों को भी तैनात किया है। हवाई सुरक्षा से जुड़े वायु सेना के एक अधिकारी ने बताया कि दुश्मन के विमानों या ड्रोनों को मार गिराने के लिए सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणालियों को भी दिल्ली के आसपास के स्थानों पर ले जाया गया है। इस दौरान भारतीय वायु सेना जी-20 शिखर सम्मेलन के मद्देनजर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के हवाई क्षेत्र की सुरक्षा के लिए देश भर के हवाई क्षेत्र पर नजर रखने के लिए अपने फाल्कन अवाक्स विमान का संचालन शुरू करेगी। इसके अलावा दिल्ली के आसमान की सुरक्षा के लिए राफेल और अन्य लड़ाकू विमानों को उन्नत हवाई अड्डों पर तैनात किया जा रहा है।
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