चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान 08 अक्टूबर को वायु सेना दिवस (Air Force Day) पर प्रयागराज में आयोजित वार्षिक परेड (annual parade) में शामिल हुए। उन्होंने कहा कि वायु सेना ने वैश्विक वायु सेनाओं के साथ युद्धाभ्यास करके अपने पड़ोसी क्षेत्र में प्रभावी ढंग से काम करने की क्षमता विकसित की है।
युद्धों में भारतीय वायुसेना की महत्वपूर्ण भूमिका
उन्होंने कहा कि भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) ने देश की ओर से लड़े गए सभी युद्धों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और दंडात्मक हवाई हमले किए हैं। मुसीबत के समय भारतीय प्रवासियों को संघर्ष क्षेत्रों से निकाला है और मानवीय सहायता और आपदा के माध्यम से राहत प्रदान की है। भारतीय वायुसेना के पास मित्र देशों के साथ अंतरराष्ट्रीय हवाई अभ्यास में नियमित और सफल भागीदारी का एक समृद्ध इतिहास है। साथ ही वैश्विक वायु सेनाओं के साथ युद्धाभ्यास किए हैं, जिससे निकटतम पड़ोस में और हमारे विस्तारित वातावरण में भी प्रभावी ढंग से काम करने की क्षमता विश्वसनीय रूप से स्थापित हुई है।
उन्होंने कहा कि भारतीय वायु सेना ने ‘आत्मनिर्भर भारत’ (self-reliant india) के तहत स्वदेशी रक्षा उत्पादन के माध्यम से क्षमता विकास को प्रोत्साहित किया है। इलेक्ट्रॉनिक युद्ध के रूप में बल गुणकों की क्षमता बढ़ाने, कल के युद्ध से लड़ने के लिए अंतरिक्ष और साइबर क्षमताओं का उपयोग करने, कृत्रिम बुद्धिमत्ता-आधारित निर्णय उपकरण और स्वार्म मानव रहित युद्ध प्रणाली जैसी नवीनतम तकनीक को शामिल करने वाली प्रणालियों की दिशा में एक सराहनीय प्रयास किया गया है।
21वीं सदी की चुनौतियों के लिए तैयार भारतीय वायुसेना
जनरल अनिल चौहान ने कहा कि भारतीय वायुसेना आधुनिकीकरण, नवाचार और अंतरराष्ट्रीय सहयोग के प्रति प्रतिबद्धता के साथ 21वीं सदी की चुनौतियों को स्वीकार करने के लिए तैयार है। इस 91वें स्थापना दिवस पर हम सभी वायु सेना के सम्मान में एक साथ खड़े हों और उन पुरुषों और महिलाओं के प्रति अपना आभार व्यक्त करें, जो हमारे आसमान की रक्षा करने और हमारे भविष्य को सुरक्षित करने के लिए ऊंची उड़ान भरते हैं। यह हमारे देश की ताकत और संकल्प का प्रतीक बना रहेगा। भारतीय वायुसेना सदैव गौरव की नई ऊंचाइयों को छुए।
यह भी पढ़ें – तेल अवीव से जुड़ी सेवाओं को लेकर Air India का बड़ा फैसला, संबंधित यात्री जरूर पढ़ें यह खबर
Join Our WhatsApp Community