देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत की हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मौत के बाद से भारत के शीर्ष नेतृत्व को अत्याधुनिक नए वीवीआईपी हेलीकॉप्टरों की तलाश है। अब मिसाइलों से बचाव सहित आधुनिक सुरक्षा सुविधाओं वाले नए हेलीकॉप्टरों की खोज तेज कर दी गई है। अगस्ता वेस्टलैंड की विफलता के एक दशक बाद फ्रांस, अमेरिका, रूस और इटली में भारतीय रक्षा अताशे को हेलीकॉप्टरों का तकनीकी विवरण जुटाने का काम सौंपा गया है।
दरअसल, देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत को ले जा रहा वायु सेना का हेलीकॉप्टर एमआई 17वी5 तमिलनाडु के कन्नूर में 08 दिसंबर 2021 को दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इस दुर्घटना में उनकी पत्नी मधुलिका रावत समेत हेलीकॉप्टर में सवार 14 में से 13 लोगों की मौत हुई थी। एक चाय बागान में कम दृश्यता की स्थिति के दौरान हुई दुर्घटना के दौरान उनका हेलीकॉप्टर उन्नत एवियोनिक्स से सुसज्जित नहीं था, जो पायलटों को प्रारंभिक चेतावनी दे सकता था। इस दुर्घटना ने सरकार का ध्यान सुरक्षित हेलीकॉप्टरों की आवश्यकता पर केंद्रित किया।
राष्ट्रपति सहित अन्य वीवीआईपी के लिए है जरुरी
इसी के बाद भारत के शीर्ष नेतृत्व ने देश के राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और अन्य वीवीआईपी के लिए अत्याधुनिक नए वीवीआईपी हेलीकॉप्टरों की जरूरत महसूस की। मौजूदा समय में वायु सेना वीवीआईपी लोगों को लाने-ले जाने के लिए रूसी एमआई-17 वी-5 हेलीकॉप्टरों की मदद ले रही है, लेकिन यूक्रेन युद्ध के कारण रखरखाव के मुद्दे सामने आए हैं। वायु सेना ने 2028 तक इन हेलीकॉप्टरों को रिटायर करने की योजना बनाई है। इसलिए शीर्ष नेतृत्व के आने-जाने के लिए मिसाइलों से बचाव सहित आधुनिक सुरक्षा सुविधाओं से लैस नए 12 हेलीकॉप्टरों की तलाश तेज कर दी गई है।
विदेशों में भारतीय मिशन तैनात
वायु सेना से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि अगस्ता वेस्टलैंड की विफलता के एक दशक बाद भारतीय वायु सेना ने अब फिर से वीवीआईपी हेलीकॉप्टरों की तलाश तेज की है। संभावित हेलीकॉप्टरों की पहचान करने के लिए अब विदेशों में भारतीय मिशन को सक्रिय किया गया है। उनसे ऐसे हेलीकॉप्टरों की तलाश करने के लिए कहा गया है, जो घरेलू उड़ान स्थितियों और भूगोल की विविधता को देखते हुए घरेलू जरूरतों के अनुरूप हो सकते हैं। फ्रांस, अमेरिका, रूस और इटली सहित कई देशों में भारतीय रक्षा अताशे को ऐसे हेलीकॉप्टरों में विशेषज्ञता वाले विक्रेताओं की पहचान करने और तकनीकी विवरण एकत्र करने का काम सौंपा गया है।
रिश्वतखोरी के आरोप के बाद सौदा रद्द
भारत ने पहले भी इसी तरह के हेलीकॉप्टर खरीदने की कोशिश की है। यूपीए शासनकाल में वीवीआईपी फ्लीट के लिए अगस्ता वेस्टलैंड के एडब्ल्यू 101 हेलीकॉप्टर को चुना गया था। इस बावत 2010 में हस्ताक्षरित 3,565 करोड़ रुपये का अनुबंध हथियार डीलरों और भारतीय अधिकारियों के बीच रिश्वतखोरी के आरोपों के बाद विवादों में आ गया। इसके बाद कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार ने जनवरी 2014 में लोकसभा चुनावों से पहले यह सौदा रद्द कर दिया था। इससे पहले अगस्ता वेस्टलैंड 2012 में पहले बैच के रूप में 03 हेलीकॉप्टरों की डिलीवरी कर चुका था, जो आज भी दिल्ली में वायु सेना के पालम एयरबेस पर खड़े हैं।