भारतीय सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने कहा है कि चीन से अब भी खतरा बरकरार है। जबकि, पाकिस्तान सीमा पर पिछले महीने शांति रही। यह एक शांतपूर्ण और स्थायित्व का संकेत है लेकिन ठोस निर्णय के पहले इसका आंकलन आवश्यक है।
चीन को लेकर जनरल एमएम नरवणे ने कहा है कि, पैंगोंग त्सो लेक क्षेत्र में सेनाओं के पीछे हटने के बाद भी चीनी से खतरा कम नहीं हुआ है। उन्होंने वास्तविक सीमा रेखा को निश्चित करने की भी आवश्यकता पर बल दिया है। उत्तरी सीमाओं की चर्चा करते हुए उन्होंने बताया कि वहां पर अब भी सेनाओं के बीच सरगर्मी है। सेना प्रमुख ने बताया है कि, जब तक समुचित रूप से सेनाएं सभी स्थानों पर पीछे नहीं हटती हैं तब तक खतरा बरकरार रहेगा। वर्तमान में सेनाएं एक दूसरे की स्ट्राइक रेंज में हैं।
पाकिस्तान को लेकर भी उन्होंने कहा कि, गर्मियों के आगमन के साथ ही नियंत्रण रेखा पर युद्ध विराम को तटस्थता से लागू किया जा सकता है। सेना प्रमुख ने पाकिस्तान के साथ संपन्न हुए हाल के सैन्यस्तर की बातचीत का विवरण भी दिया।
25 फरवरी, 2021 को भारत-पाकिस्तान के डीजीएमओ स्तर की बातचीत संपन्न हुई। जिसमें दोनों पक्षों की ओर से साझा बयान जारी किया गया। इसमें दोनों पक्षों ने युद्ध विराम को लेकर 2003 के समझौते के पालन की प्रतिबद्धता व्यक्त की जिसका सम्मान हाल के वर्षों में भंग करके अधिक किया गया। एक घटना को छोड़ दें तो पूरे मार्च के महीने में नियंत्रण रेखा पर एक भी घटना नहीं घटी। यह पिछले छह-सात वर्षों में पहली बार है कि नियंत्रण रेखा शांत है। यह भविष्य को शांति की ओर ले जाने का एक संकेत है। सीमा पर शांति देश की शांति और स्थिरता में सहायक सिद्ध होगी।
पाकिस्तान की शांति के कारण
सेना प्रमुख ने कहा कि प्राथमिक रूप से पाकिस्तान की शांति के तीन प्रमुख कारण हैं।
- फाइनेन्शियल टास्क फोर्स की सूची से बाहर न हो पाना
- आंतरिक मजबूरियां
- अफगानिस्तान से लगी पश्चिमी सीमा पर परिस्थिति
भविष्य को लेकर सेना प्रमुख ने कहा है कि, हमारी आशाओं के पीछे कारण है कि पाकिस्तान सेना एक टेबल पर है। वास्तविक नियंत्रण रेखा पर गोलीबारी आतंकियों को घुसपैठ कराने के लिए की जाती थी और हाल के दिनों में यह बंद है। इसलिए भविष्य को लेकर आशावादी होने का हमारे पास कारण है। इसके बाद भी किसी ठोस आंकलन पर पहुंचने के पहले हमें देखना होगा कि परिस्थितियां आगे कैसी बनती हैं।
जम्मू-कश्मीर में स्थिति सुधार
जनरल एमएम नरवणे ने बताया कि जम्मू-कश्मीर में स्थितियां अच्छी हो रही हैं। अनुच्छेद 370 खत्म करने के बाद घाटी में परिस्थिति सुधरी है। इसका साक्ष्य है कि ठंड में इस बार बड़ी संख्या में पर्यटक यहां आए।
सोशल मीडिया युवाओं को कट्टरवाद में धकेल रहा
युवक सोशल मीडिया के माध्यम से हथियार संस्कृति की ओर अधिक प्रेरित हो रहे हैं। हम कई कदम उठा रहे हैं। जिसमें जम्मू-कश्मीर के बाहर उनके लिए नौकरियां उपलब्ध कराना और हिंसा से दूर ले जाना। जम्मू-कश्मीर के लोग जानते हैं उनके लिए अच्छा क्या है। लेकिन सुरक्षा बल हर समय साथ नहीं रह सकते इसलिए कई बार वे हथियारों की नोंक पर कुछ घटनाओं को अंजाम दे देते हैं। युवक उतना आतंक की ओर प्रेरित नहीं है जितना लोग आंकलन करते हैं।