पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर चीन के साथ जारी सीमा विवाद के मद्देनजर सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने चीन और पाकिस्तान को सख्त संदेश दिए। उन्होंने कहा कि हम बातचीत और राजनैतिक उपायों से समस्या का हल चाहते हैं, लेकिन किसी को भी हमारे धैर्य की परीक्षा लेने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। बता दें कि पिछले जून महीने से पूर्वी लद्दाख में सीमा विवाद को लेकर भारत और चीन के बीच गतिरोध जारी है। हालांकि इस विवाद के समाधान के लिए कई बार वार्ता हो चुकी है। उन्होंने कहा कि लद्दाख के गलवान घाटी में हमारे वीर जवानों की शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी। बता दें कि इस हिंसक झड़प में देश के 20 जवान शहीद हो गए थे।
दिल्ली कैंट के ग्राउंड में सेना की परेड की सलामी लेने के बाद अपने संबोधन के दौरान सेना अध्यक्ष नरवणे ने कहा कि भारत ने वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास यथास्थिति को एकतरफा बदलने की चीन की कोशिशों का मुंहतोड़ जवाब दिया। उन्होंने कहा, ‘मैं भारत के लोगो को यह आश्वासन देना चाहता हूं कि गलवान घाटी में हमारे सैनिकों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा।’
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पहाड़ों से भी ऊंचा सेना का मनोबल
सेना प्रमख ने कहा कि लद्दाख सेक्टर में आगे के क्षेत्रों में तैनात सैनिकों का मनेबाल उन पहाड़ों से भी ऊंचा है, जिनकी वो रक्षा कर रहे हैं। लाइन ऑफ कंट्रोल की स्थिति पर उन्होंने कहा कि 300 से 400 आतंकवादी पाकिस्तान के कब्जेवाले कश्मीर में शिविरों में मौजूद हैं और वे भारत में घुसपैठ करने की फिराक में हैं। पाकिस्तान द्वारा सीमा पार से आंतकवाद का बढ़ावा देने का जिक्र करते हुए थल सेना प्नमुख ने कहा कि सेना भारत के हितों की रक्षा के लिए आतंकवाद के स्रोत पर भी हमला करने में कोई संकोच नहीं करेगी।
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भारत के लिए 15 जनवरी का विशेष महत्व
भारत के लिए 15 जनवरी का विशेष महत्व है। इस दिन को भारतीय सेना दिवस के रुप में मनाया जाता है। इस मौके पर सेना के परेड कार्यक्रम का विशेष आयोजन कर देश की सैन्य शक्ति का प्रदर्शन किया जाता है।