जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) में आतंकवाद (Terrorism) के खिलाफ सेना (Army) का ऑपरेशन लगातार जारी है। वहीं दूसरी ओर एलओसी (LOC) पर जवान सीमा की सुरक्षा (Border Security) में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। सीमा की रक्षा कर रहे जवान (Soldiers) लगातार पाकिस्तान (Pakistan) की ओर से घुसपैठ की कोशिशों को नाकाम कर रहे हैं। हाल ही में अधिकारियों ने खुलासा किया है कि पिछले पांच महीनों में पाकिस्तान ने एलओसी पर घुसपैठ की 10 कोशिशें की हैं।
सेना की ओर से साझा की गई जानकारी के अनुसार, ठंड शुरू होने के बावजूद सीमा पर घुसपैठ की कोशिशें जारी हैं। सुरक्षा एजेंसियों को मिले इनपुट के अनुसार, सीमा पर लॉन्चिंग पैड पर बड़ी संख्या में आतंकी घुसपैठ की फिराक में हैं। पिछले 5 महीनों में एलओसी पर घुसपैठ की 10 कोशिशें हुईं जिनमें कुल 26 आतंकी मारे गए।
आतंक बढ़ाने की साजिश
अनुच्छेद 370 हटने के बाद कश्मीर घाटी में आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन चलाए जा रहे हैं। इस दौरान घाटी में आतंकियों की संख्या बेहद कम होने के कारण सीमा पार से घुसपैठ की कोशिशें एक बार फिर तेज हो गई हैं। बर्फबारी के कारण सड़कें बंद होने से पहले आतंकियों को घाटी में धकेलने की कोशिश की जा रही है ताकि कश्मीर में आतंकी जड़ें एक बार फिर मजबूत हो सकें।
आतंकी फंडिंग और अंतरराष्ट्रीय गतिविधियों में शामिल
2018 से कश्मीर में आतंकियों और उनके समर्थकों के खिलाफ बड़े पैमाने पर ऑपरेशन चलाए जा रहे हैं। सुरक्षा बलों के सफल ऑपरेशन के चलते सुरक्षा एजेंसी दावा कर रही है कि घाटी में आतंकवाद का ग्राफ शून्य के करीब है। इसके साथ ही आतंकियों के साथ-साथ उनके समर्थकों और फंडिंग को भी रोकने में सफलता मिली है। 50 से अधिक आतंकवाद-रोधी, आतंकी फंडिंग और अंतर्राष्ट्रीय गतिविधियों में शामिल हैं। टेरर फंडिंग के आरोप में सरकारी कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया गया है और अब तक करीब 500 संपत्तियां भी जब्त की जा चुकी हैं।
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