बांग्लादेश को पाकिस्तान से आजादी दिलाने में भारत की अहम भूमिका है। 16 दिसंबर 2020 को इस ऐतिहासिक घटना के 50 वर्ष पूरे हो गए हैं। भारत हर वर्ष इस दिन को विजय दिवस के रुप में मनाता है। इस उपलक्ष्य में भारत में गणतंत्र दिवस के मौके पर आयोजित विशेष परेड में बांग्लादेश की सेना के जवान भी हिस्सा लेंगे। हालांकि कोरोना महामारी के मद्देनजर इस वर्ष ज्यादा विदेशी प्रतिनिधियों को आमंत्रित नहीं किया गया है।
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बांग्लादेश को आजादी दिलाने में भारत की महत्पूर्ण भूमिका
बता दें कि 25 मार्च 1971 में बांग्लादेश की स्वतंत्रता की घोषणा की गई थी । इसके बाद बांग्लादेश की मुक्ति के लिए युद्ध शुरू कर दिया गया था। ईस्ट बंगाल के लोगों के सभी वर्गों की मुक्ति और पाकिस्तानी सेना के शासकों के निरंतर उत्पीड़न से बचाने के लिए भारत ने बांग्लादेश का युद्ध में साथ दिया। युद्ध 25 मार्च से 16 दिसंबर तक चला था। इसी दिन बांग्लादेश का निर्माण हुआ। भारत इस जीत को हर वर्ष विजय दिवस के रुप में मनाता है। पाकिस्तान पर भारत की यह जीत कई मायनों में ऐतिहासिक माना जाता है। 1971 से पहले बांग्लादेश पाकिस्तान का एक प्रांत था। जिसे पूर्वी पाकिस्तान के नाम से जाना जाता था, जबकि पश्चिमी पाकिस्तान को पाकिस्तान कहा जाता था।
In the 50th year of Indian victory over Pakistan in the 1971 war, a Bangladesh Army delegation would be taking part in this year’s Republic Day parade on January 26: Defence Officials
— ANI (@ANI) January 3, 2021
ड्रैगन डाल रहा है डोरे
चीन से बढ़ते खतरे के बीच भारत के लिए बांग्लादेश से रणनीतिक संबंध काफी महत्वपूर्ण हैं। चीन पाकिस्तान और नेपाल की तरह बांग्लादेश पर भी डोरे डाल रहा है। वह बांग्लादेश के बाजारों में शुल्करहित चीनी सामान की सूची में नई चीजें शामिल करने और विकास परियजनाओं के लिए मोटा कर्ज देने के दांव आजमा रहा है। हालांकि इस मामले में चीन को अभी तक ज्यादा सफलता नहीं मिली है। भारत चीन की इस चाल से वाकिफ है। वह उसकी कुटनीतिक और राजनैतिक गतिविधियों पर नजर बनाए हुए है। भारत का बांग्लादेश से संबंध सिर्फ रणनीतिक सरोकार को लेकर नहीं बल्कि अच्छे पड़ोसी होने के साथ ही मानवीय दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है।
भारत के संबंध मैत्रीपूर्ण
भारत और बांग्लादेश दक्षिण एशियाई पड़ोसी देश हैं, और आमतौ पर इन दोनों के बीच संबंध मैत्रीपूर्ण रहे हैं, हालांकि कभी-कभी सीमा विवाद होते रहते हैं। बांग्लादेश की तीन सीमा भारत से लगी हुई होने के कारण दोनो देशों के लिए एक दूसरे का काफी महत्व है। ये दोनों देश सार्क, बिम्सेक, हिंद महासागर तटीय क्षेत्रीय सहयोग संघ और राष्ट्रकुल के सदस्य हैं।
भारतीय विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने किया था दौरा
अगस्त 2020 में दोनों देशों के बीच आपसी संबंधों को मजबूत करने के लिए भारतीय विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने बांग्लादेश की राजधानी ढाका का दौरा किया था। कोरोना के कारण लगे प्रतिबंधों के बीच भारत के किसी राजनयिक की यह पहली यात्रा थी। उनसे बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना वाजेद ने भी मुलाकात की थी।