हरियाणा के करनाल में चार संदिग्ध आतंकियों को गिरफ्तार किया गया है। उनके पास से बड़ी मात्रा में गोलियां और बारूद बरामद किए गए हैं। इस बारूद को आरडीएक्स होने की आशंका जताई जा रही है। इसके साथ ही इनके पास से तीन आईईडी बम भी बरामद किए गए हैं।
मिली जानकारी के अनुसार चारों के तार पंजाब के आतंकी संगठन बब्बर खालसा से जुड़े हैं। इनकी गिरफ्तारी के लिए आईबी, पंजाब पुलिस और हरियाणा पुलिस ने संयुक्त ऑपरेशन चलाया।
बब्बर खालसा इंटरनेशनल से संबंध
संयुक्त ऑपरेशन में देश को दहलाने वाली खालिस्तानी साजिश बेनकाब करते हुए चार आतंकियों को पकड़ा गया है। चारों का संबंध पंजाब के आतंकी संगठन बब्बर खालसा इंटरनेशनल से है। इनके पास से बड़ी मात्रा में गोलियां, तीन आईईडी बम और विस्फोटक के कंटेनर मिले हैं। इस विस्फोटक के आरडीएक्स होने की आशंका जताई गई है। ये आतंकी फिरोजपुर से हथियार और विस्फोटक लेकर तेलंगाना जा रहे थे।
आईबी की सूचना पर गिरफ्तारी
करनाल के एसपी गंगाराम पूनिया ने बताया कि आईबी की सूचना के बाद इनको पकड़ने के लिए पंजाब और हरियाणा पुलिस ने ज्वाइंट ऑपरेशन चलाया था। मुख्य मार्ग पर नाकाबंदी के दौरान 5 मई की सुबह करीब चार बजे बसताड़ा टोल प्लाजा के पास एक इनोवा गाड़ी में सवार चार युवकों को पकड़ा गया।
आरोपियों की हुई पहचान
इसमें से तीन फिरोजपुर और एक लुधियाना का रहने वाला है। पकड़े गए युवकों के नाम गुरप्रीत, अमनदीप, परमिंदर, भुपिंदर है। इन सभी के पास से एक पिस्टल, करीब ढाई दर्जन कारतूस तथा तीन कंटेनरों में ढाई-ढाई किलो विस्फोटक बरामद किया गया है।
जांच में षड्यंत्र का खुलासा
पूनिया ने बताया कि अभी तक हुई जांच में सामने आया है कि इन युवकों का मुख्य हैंडलर हरविंदर सिंह उर्फ रिंडा पाकिस्तान में बैठा है। इनसे पूछताछ में पता चला कि बरामद हथियार और विस्फोटक खालिस्तानी आतंकी रिंडा ने ड्रोन के जरिए पाकिस्तान से फिरोजपुर में भेजे थे। इसके बाद पकड़े गए युवकों को मोबाइल के जरिए एक लोकेशन भेजी गई। पूनिया ने बताया कि यह हथियार और विस्फोटक कहां लेकर जाना था, इस बारे में पकड़े गए युवकों को भी नहीं पता था क्योंकि वह मोबाइल पर भेजी गई लोकेशन के आधार पर चल रहे थे।
तेलंगाना और महाराष्ट्र में पहुंचाना था विस्फोटक
जांच में यह भी पता चला है कि यह युवक पहले भी विस्फोटकों को एक से दूसरे स्थान पर पहुंचाने का काम कर चुके हैं। बरामद विस्फोटक लोकेशन के आधार पर तेलंगाना सीमा पर स्थित एक कस्बे तथा महाराष्ट्र के नांदेड़ साहिब पहुंचाया जाना था। उन्होंने बताया कि बम निरोधक दस्ते ने विस्फोटक को नष्ट कर दिया है। यह विस्फोटक आरडीएक्स हो सकता है, जिसकी जांच एफएसएल टीमें कर रही हैं। पूनिया ने बताया कि ज्यादा विस्फोटक होने की आशंका पर संदिग्धों की गाड़ी की तलाशी रोबोट की मदद से ली गई। उनके अनुसार बरामद हथियार और विस्फोटक से कई जगहों पर बड़ी वारदातों को अंजाम दिया जा सकता था।