DRDO:​सीसीएस ने सेना के लिए स्वदेशी पिनाका रॉकेट लॉन्चर खरीदने को मंजूरी दी, जानिये यह दुश्मनों के लिए है कितना घातक

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने पिनाका रॉकेट और लॉन्चरों का बड़े पैमाने पर उत्पादन करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। सेना ने चार पिनाका रेजिमेंट को शामिल किया है, जिनमें से कुछ लॉन्चर चीन के साथ उत्तरी सीमाओं के साथ ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भी तैनात किए गए हैं।

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DRDO: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता वाली सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (Cabinet Committee on Security headed by Prime Minister Narendra Modi) ने 29 जनवरी को 10 हजार करोड़ रुपये की लागत(Cost of Rs 10 thousand crore) वाली स्वदेशी पिनाका मल्टी बैरल रॉकेट-लॉन्चर हथियार प्रणाली(Indigenous Pinaka multi-barrel rocket-launcher weapon system) की खरीद को मंजूरी दे दी। सेना अब स्वदेशी पिनाका मल्टी-लॉन्च आर्टिलरी रॉकेट सिस्टम पर पूरा जोर दे रही है और भारत अन्य देशों को भी इन प्रणालियों का निर्यात(Export) कर रहा है।

बड़े पैमाने पर उत्पादन करने की प्रक्रिया शुरू
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने पिनाका रॉकेट और लॉन्चरों का बड़े पैमाने पर उत्पादन करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। सेना ने चार पिनाका रेजिमेंट को शामिल किया है, जिनमें से कुछ लॉन्चर चीन के साथ उत्तरी सीमाओं के साथ ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भी तैनात किए गए हैं। सरकार ने देश की उत्तरी और पूर्वी सीमाओं पर छह पिनाका रॉकेट रेजिमेंट बनाने का फैसला किया है। लम्बी दूरी तक मार करने के लिए फ्री फ्लाइट आर्टिलरी रॉकेट सिस्‍टम की मारक क्षमता 45 किलोमीटर है, जबकि हवाई हथियारों को 37.5 किमी. की दूरी तक लॉन्च किया जा सकता है। इसका लॉन्चर सिर्फ 44 सेकेंड में 12 पिनाका रॉकेट्स दागने में सक्षम है।

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पिनाका के लिए कई प्रकार के गोला-बारूद विकसित
डीआरडीओ ने पिनाका के लिए कई प्रकार के गोला-बारूद विकसित किए हैं, जिनमें निर्देशित विस्तारित रेंज वाले रॉकेट शामिल हैं। पिनाका सिस्‍टम की एक बैटरी में छह लॉन्‍च व्हीकल होते हैं और साथ ही लोडर सिस्टम, रडार और नेटवर्क सिस्‍टम से जुड़ी एक कमांड पोस्‍ट होती है। एक बैटरी के जरिए एक गुणा एक किलोमीटर एरिया को पूरी तरह ध्‍वस्‍त किया जा सकता है। मार्क-I की रेंज करीब 37.5 किलोमीटर है जबकि मार्क-II से 75 किलोमीटर दूर तक निशाना साधा जा सकता है। छह पिनाकारेजिमेंटों में 114 लॉन्चर तैनात होंगे। इसके लिए ऑटोमेटिक गन ऐमिंग एंड पोजिशनिंग सिस्टम और 45 कमांड पोस्ट्स टाटा पावर कंपनी लिमिटेड (टीपीसीएल)और लार्सन एंड टुब्रो (एलएंडटी)से खरीदे जाएंगे।

कई देशों ने दिखाई है रुचि
पिनाका प्रणालियों को हासिल करने के लिए कुछ आसियान, अफ्रीकी और यूरोपीय देशों ने भी रुचि दिखाई है। आर्मेनियाई सेना ने फिलहाल छह अतिरिक्त पिनाका रेजिमेंट के लिए ऑर्डर दिया है, जिसके बाद भारत ने मल्टी-बैरल रॉकेट लॉन्चर (एमबीआरएल)रॉकेट की पहली खेप मित्र देश आर्मेनिया को भेज दी है। पिनाका रॉकेट की आपूर्ति आर्मेनिया को 245 मिलियन के नए हथियारों और बारूद के निर्यात पैकेज का हिस्सा है। भारत से पिनाका मल्टी बैरल रॉकेट लॉन्चर खरीदने के बाद मित्र देश आर्मेनिया ने भारतीय रक्षा कंपनी कल्याणी स्ट्रैटेजिक सिस्टम्स लिमिटेड को माउंटेड आर्टिलरी गन की चार से पांच रेजिमेंट के लिए ऑर्डर किया है। इस हथियार प्रणाली के लिए किसी देश से मिला यह भी पहला निर्यात ऑर्डर है।

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