भारत यूक्रेन में फंसे भारतीयों को निकालने के वैकल्पिक मार्गों पर विचार कर रहा है । इस संबंध में विदेश मंत्रालय में मंथन जारी है।
रूस ने यूक्रेन पर सैन्य कार्रवाई शुरु कर दी है। इस सैन्य कार्रवाई की जद में यूक्रेन की राजधानी कीव भी आ गई है। भारतीय दूतावास लगातार वहां रह रहे भारतीयों और छात्रों को थोड़े समय के लिए देश छोड़ने की अपील कर रहा है।
वैकल्पिक योजना पर विचार
विदेश मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक हजारों भारतीयों को आकस्मिक यूक्रेन से निकालने के लिए मंत्रालय वैकल्पिक योजना तैयार करने को लेकर उच्च स्तरीय बैठक कर विचार विमर्श कर रहा है। भारत का ध्यान अपने लोगों खासकर छात्रों की सुरक्षा पर केन्द्रित है।
रूसी भाषा के जानकारों की तैनाती
रूसी भाषा के जानकारों की यूक्रेन और उससे सटे देशों में तैनाती की जा रही है। साथ ही देश के लगातार बदलते हालात पर विदेश मंत्रालय नजर बनाए हुए है। हाल ही में मंत्रालय की ओर से तैयार किए गए कंट्रोल रूम को भी विस्तार दिया जा रहा है। यह अब 24 घंटे सातों दिन काम करेगा।
सुरक्षा को लेकर बढ़ी चिंता
यूक्रेन पहले ही हवाई जहाजों की सुरक्षा को लेकर चिंतित है और हवाई मार्ग को नागरिक उड़ानों के लिए बंद कर चुका है। ऐसे में भारत के लिए वहां विशेष विमान भेजने का कोई विकल्प उपलब्ध नहीं है। नागरिकों तक कैसे मदद पहुंचाई जाए इसपर विचार किया जा रहा है।
18 हजार भारतीय फंसे
बता दें कि यूक्रेन में करीब 18 हजार भारतीय हैं। भारतीयों को स्वदेश लाने के लिए यूक्रेन के लिए उड़ान भरने वाला एयर इंडिया का एक विमान बीच रास्ते से वापस लौट आया है। पूर्वी क्षेत्रों में रूसी सैन्य अभियानों के बीच यूक्रेन ने हवाई क्षेत्र बंद कर दिया है।
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विवादित क्षेत्रों पर कार्रवाई की मंजूरी
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने 24 फरवरी की सुबह रूसी विशेष बलों को यूक्रेन के दो अलगाव में उलझे क्षेत्रों पर कार्रवाई की अनुमति दे दी है। इन दोनों क्षेत्रों को रूस ने 22 फरवरी को स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में मान्यता दी थी।