Indian Navy के लिए बनाए जाने वाले पांच फ्लीट सपोर्ट जहाजों (एफएसएस) में से पहले का निर्माण शुरू करने के लिए बुधवार को विशाखापट्टनम के हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड (एचएसएल) में ‘स्टील कटिंग’ समारोह हुआ। रक्षा सचिव गिरिधर अरमाने की उपस्थिति में हुए समारोह के बाद बनाए जाने वाले फ्लीट सपोर्ट जहाज भारतीय नौसेना की ‘ब्लू वाटर’ क्षमताओं को बढ़ाएंगे।
2027 से शुरू होगा नौसेना को वितरण
रक्षा मंत्रालय ने पांच फ्लीट सपोर्ट जहाजों के लिए एचएसएल के साथ एक अनुबंध पर अगस्त, 2023 में हस्ताक्षर किए थे। जहाजों को 2027 के मध्य से भारतीय नौसेना को वितरित किया जाना तय है। नौसेना के बेड़े में शामिल होने पर फ्लीट सपोर्ट जहाज समुद्री बेड़े के जहाजों की पुनःपूर्ति के माध्यम से भारतीय नौसेना की ‘ब्लू वाटर’ क्षमताओं को बढ़ाएंगे। लगभग 40 हजार टन से अधिक विस्थापन वाले जहाज ईंधन, पानी, गोला-बारूद और भंडार ले जाएंगे और वितरित करेंगे, जिससे बंदरगाह पर वापस आए बिना लंबे समय तक संचालन संभव हो सकेगा। इससे बेड़े की रणनीतिक पहुंच और गतिशीलता में वृद्धि होगी।
‘मेक फॉर द वर्ल्ड’ पहल के अनुरूप
मंत्रालय के अनुसार द्वितीयक भूमिका में ये जहाज आपातकालीन स्थितियों में कर्मियों को निकालने और प्राकृतिक आपदाओं के दौरान साइट पर राहत सामग्री की त्वरित डिलीवरी के लिए मानवीय सहायता और आपदा राहत कार्यों से सुसज्जित होंगे। पूरी तरह से स्वदेशी डिजाइन और स्वदेशी निर्माताओं से अधिकांश उपकरणों की सोर्सिंग के साथ यह जहाज भारतीय जहाज निर्माण उद्योग को बढ़ावा देगी। यह परियोजना भारत सरकार की ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘मेक इन इंडिया’, ‘मेक फॉर द वर्ल्ड’ पहल के अनुरूप है।
ये अधिकारी रहे उपस्थित
इस अवसर पर पूर्वी नौसेना कमान (ईएनसी) के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ वाइस एडमिरल राजेश पेंढारकर, एचएसएल के सीएमडी कमोडोर हेमंत खत्री (सेवानिवृत्त), भारतीय नौसेना और एचएसएल के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।