जंगल में छिपकर व्यवस्था के खिलाफ सशस्त्र विद्रोह करने वाले देशद्रोही नक्सलियों पर अब कोरोना संक्रमण का खतरा मंडराने लगा है।
घने जंगलों में छिपे नक्सलियों तक अब कोरोना संक्रमण पहुंचने लगा है। पहली लहर में कोरोना से दर्जनों नक्सली नेता मारे गए थे। अब दूसरी लहर में भी इसके संक्रमण से नक्सलियों का जीना मुश्किल हो गया है। इसी कड़ी में नक्सली संगठन के तेलंगाना राज्य समिति के सचिव हरिभूषण की कोरोना से मौत हो गई है। उस पर 40 लाख रुपये के इनाम की घोषणा की गई थी।
मौत की आधिकारिक पुष्टि
दंतेवाड़ा के पुलिस अधीक्षक डॉ. अभिषेक पल्लव ने इस बात की आधिकारिक पुष्टि की है। बता दें कि हरिभूषण दक्षिण बस्तर की सभी बड़ी नक्सल गतिविधियों में शामिल रहा था। डॉ. पल्लव ने कहा कि हरिभूषण तेलंगाना-छत्तीसगढ़ सीमा पर पुलिस और नक्सलियों के बीच कई संघर्ष में बच निकला था, लेकिन अंततः कोरोना ने उसकी जान ले ली। हरिभूषण उर्फ यापा नारायण तेलंगाना के महबूबा बाद जिले के मारिगुड़ा गांव का रहने वाला था। 1995 में वह पीपुल्स वार गुरिल्ला में शामिल हुआ था। तब से वह नक्सली आंदोलन में सक्रिय था। हरिभूषण पिछले कुछ दिन पहले कोरोना से संक्रमित हो गया था और आखिरकार 21 जून की शाम उसकी मौत हो गई।
सरेंडर करने की अपील
बता दें कि कई नक्सली नेता कोरोना के शिकार हो गए हैं। बटालियन नंबर 2 के कमांडर सोनू, इसी बटालियन के सदस्य जयमन, नंदू और देवा भी कोरोना की चपेट में आने की जानकारी मिली है। इन कुख्यात नक्सलियों पर लाखों रुपए इनाम की घोषणा की गई है। पुलिस अधीक्षक डॉ. पल्लव ने नक्सलियों से सरेंडर करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि सरेंडर करने पर सरकार द्वारा उनकी मदद की जाएगी।
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पहली लहर में 50 नक्सलियों की मौत
कोरोना की पहली लहर में भी 50 से ज्यादा नक्सली मारे गए थे। इनमें से कई कोरोना संक्रमण के कारण मारे गए थे, जबकि कई नक्सलियों की भूख से मरने की खबर है। बाताया जा रहा है कि कोरोना के कारण घने जंगलों में खाद्य पदार्थ नहीं पहुंच पा रहा था। इसलिए कई नक्सलियों की भूख से मौत हो गई। दूसरी लहर में भी यही स्थिति है। एक तो उन्हें उपचार उपलब्ध नहीं हो पा रहा है, उस पर ठीक से खाना भी नहीं मिल रहा है। इस कारण उनकी जान खतरे में पड़ गई है।
दूसरी लहर में ज्यादा बुरा हाल
छत्तीसगढ़ के नक्सल क्षेत्र दलम में भी कोरोना की दूसरी लहर में 50 से अधिक नक्सली संक्रमित हो गए हैं। दंडकारण्य स्पेशल जोन कमेटी की सदस्य सुजाता की भी कोरोना से मौत होने की खबर है। उस पर 25 लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया था। दिसंबर 2019 में रमन्ना की मृत्यु के बाद, सुजाता को छत्तीसगढ़ में माओवादियों के निर्विवाद नेता के रूप में जाना जाने लगा था।