मंत्रालय किसी राज्य का वह महत्वपूर्ण स्थान होता है, जहां से पूरे प्रदेश को चलाया जाता है। लेकिन वर्तमान में पूरे महाराष्ट्र के साथ ही मंत्रालय में भी कोरोना का राज है।
मंत्रालय में कोरोना रोगियों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। यदि हम मंत्रालय के कर्मचारियों और अधिकारियों के अब तक के कोरोना के आंकड़ों को देखें, तो तस्वीर यह है कि यहां कोरोना के रोगियों ने शतक पार कर लिया है। इसमें अधिकारी तथा कर्मचारी सभी शामिल हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि मंत्रालय में एक भी विभाग ऐसा नहीं है, जिसमें कोरोना के मरीज न हों। इस कारण मंत्रालय के अधिकारी और कर्मचारी काफी डरे हुए हैं।
किस विभाग में, कितने कोरोना रोगी
राजस्व विभाग और जल संसाधन विभाग सहित मंत्रालय के कई विभागों में कोरोना रोगी पाए गए हैं। राजस्व विभाग में अब तक सबसे अधिक 17 मरीज पंजीकृत किए गए हैं। इसके साथ ही अन्य विभागों में भी मरीजों की संख्या बढ़ रही है।
जल संसाधन विभाग- 14 मरीज
स्कूल – 7 मरीज
जल संरक्षण – 7 रोगी
आदिवासी विकास- 6 मरीज
सार्वजनिक निर्माण- 8 मरीज
गृह विभाग- 4 मरीज
योजना विभाग- 6 मरीज
पर्यटन विभाग- 6 मरीज
अल्पसंख्यक विभाग- 3 मरीज
वन विभाग- 3 मरीज
अब तक 20 लोगों की मौत
पिछले एक साल में कोरोना के कारण मंत्रालय में काम करने वाले कुल 20 लोगों की मौत हुई है। अधिकारी संघ के महासचिव विष्णु पाटील ने बताया कि पिछले सप्ताह पांच लोग कोरोना के शिकार हो गए । उन्होंने यह भी बताया कि अगर आज मंत्रालय में परीक्षण किया जाए तो 5 से 10 फीसदी लोग कोरोना पॉजिटिव पाए जाएंगे। विष्णु पाटील ने कहा कि संक्रमित कर्मचारियों को विभाग के अन्य कर्मचारियों के साथ भी अपनी जानकारी साझा करनी चाहिए।
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कर्मचारियों की मांग
कर्मचारी संगठन का कहना है कि कोरोना से मरने वाले कर्मचारियों के परिजनों को 50 लाख दिए जाने का पहले से ही प्रावधान होना चाहिए था। इसके साथ कोरोना ग्रसित हो जाने पर या घर में किसी के संक्रमित हो जाने पर उसे छुट्टी मिलनी चाहिए। यहां के शौचालय को सैनिटाइज करने के साथ ही अन्य तरह की जरुरी सुविधाओं पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए।
50 प्रतिशत कर्मचारियों की उपस्थिति
अधिकारी संघ के महासचिव विष्णु पाटील ने बताया कि मंत्रालय में वर्तमान में 50 प्रतिशत कर्मचारियों की उपस्थिति है। सरकार को कोरोना रोगियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए उपस्थिति को 25 प्रतिशत कर देना चाहिए।