श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर में पहली बार किसी महिला आईपीएस अधिकारी की नियुक्ति आतंक का अंत करने के अभियान में हुई है। प्रदेश में आतंक से सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र श्रीनगर में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के महानिरीक्षक के रूप में आईपीएस अधिकारी चारू सिन्हा ने कमान संभाली है। चारू सिन्हा इसके पहले कई संवेदनशील ऑपरेशन का नेतृत्व कर चुकी हैं।
जम्मू कश्मीर में आतंक के खात्मे के लिेए सेना, जम्मू-कश्मीर पुलिस के साथ केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) तैनात है। राज्य में 2020 में 156 आतंकी मारे गए हैं जबकि 80 युवाओं को आतंक के रास्ते से वापस लाया गया है। आतंक के विरुद्ध इस लड़ाई में अब सीआरपीएफ की कमान महानिरीक्षक के रूप में आईपीएस अधिकारी चारू सिन्हा संभालेंगी। चारू सिन्हा 1996 बैच के तेलंगाना कैडर की आईपीएस अधिकारी हैं। यह पहली बार नहीं है जब उन्हें इतना कठिन काम सौंपा गया है, इससे पहले भी वह बिहार में सीआरपीएफ की आईजी के रूप में काम कर चुकी हैं और नक्सलियों के विरुद्ध सुरक्षा बलों का नेतृत्व कर चुकी हैं। बिहार में उनके नेतृत्व में विभिन्न एंटी नक्सल ऑपरेशन चलाए गए बाद में उन्हें सीआरपीएफ के आईजी के तौर पर जम्मू में ट्रांसफर कर दिया गया, जहां उन्होंने एक लंबा और सफल कार्यकाल बिताया। सोमवार को जारी किए गए एक ताजा आदेश में उन्हें श्रीनगर के आईजी के रूप में नियुक्त किया गया। वर्तमान सीआरपीएफ महानिदेशक एपी माहेश्वरी ने भी 2005 में आईजी के रूप में श्रीनगर सेक्टर का नेतृत्व किया है। 2005 में शुरू हुए इस सेक्टर में कभी भी आईजी स्तर की महिला अधिकारी नहीं रही। ऐसा पहली बार होगा जब चारू सिन्हा यह पद संभालेंगी। इस क्षेत्र में सीआरपीएफ का काम आतंक विरोधी अभियानों में सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस की सहायता करना है।
ये जिले हैं आतंक के गढ़
कश्मीर में पुलवामा, बडगाम, अनंतनाग व बारामुला घाटी में पड़ते हैं और आतंकवाद से सर्वाधिक प्रभावित हैं। घाटी का कोई बार्डर नहीं है। एलओसी घाटी से कोसों दूर है।