Aeromedical Research: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह(Defense Minister Rajnath Singh) ने 9 मार्च को बेंगलुरु(Bengaluru) में भारतीय वायु सेना(Indian Air Force) के एयरोस्पेस मेडिसिन संस्थान (aerospace challenges) का दौरा किया। उन्होंने अंतरिक्ष मनोविज्ञान(Space Psychology) पर उन्नत अनुसंधान केंद्र का उद्घाटन करते हुए एयरोस्पेस चुनौतियों से निपटने के लिए अनुसंधान एवं विकास बढ़ाने का आह्वान किया। यह पहला मौका है, जब किसी रक्षा मंत्री ने इस संस्थान का दौरा किया है। इस दौरान उन्हें पायलट प्रशिक्षण, उनके चिकित्सा मूल्यांकन और एयरोमेडिकल अनुसंधान(aerospace challenges) में आईएएम(IAM) की भूमिका के बारे में जानकारी दी गई।
हाई परफॉरमेंस ह्यूमन सेंट्रीफ्यूज का किया निरीक्षण
रक्षा मंत्री ने लड़ाकू पायलटों के प्रशिक्षण के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले डायनेमिक फ्लाइट सिम्युलेटर और हाई परफॉरमेंस ह्यूमन सेंट्रीफ्यूज का भी निरीक्षण किया। उन्होंने संस्थान में उन्नत अनुसंधान केंद्र का भी शुभारंभ किया। इस परियोजना का शीर्षक ‘अंतरिक्ष मनोविज्ञान : भारतीय अंतरिक्ष मिशनों के लिए अंतरिक्ष यात्रियों और अंतरिक्ष यात्रियों के चयन और व्यावहारिक स्वास्थ्य प्रशिक्षण’ है। अपने संबोधन में राजनाथ सिंह ने हवाई और अंतरिक्ष यातायात में निरंतर वृद्धि के मद्देनजर एयरोस्पेस मेडिसिन में विशेषज्ञता की बढ़ती आवश्यकता पर प्रकाश डाला।
अंतरिक्ष युद्ध में भारत प्रमुख क्षेत्र के रूप में उभरा
उन्होंने कहा कि रक्षा के दृष्टिकोण से अंतरिक्ष युद्ध में भारत प्रमुख क्षेत्र के रूप में उभरा है। हमने इस दिशा में एक कदम आगे बढ़ाया है और एंटी-सैटेलाइट जैसी सबसे उन्नत तकनीकों में महारत हासिल की है। भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाला विमानन बाजार भी बन गया है। चूंकि, हम अंतरिक्ष में नई ऊंचाइयों को छू रहे हैं, इसलिए हमें एयरोस्पेस मेडिसिन में और अधिक संभावनाएं तलाशने की जरूरत है। अनुसंधान और विकास को बढ़ाने की जरूरत है, क्योंकि किसी भी उच्च-स्तरीय जटिल तकनीक में अनुसंधान कई क्षेत्रों को लाभ पहुंचाता है।
आत्मनिर्भरता हासिल करने में आईएएम के योगदान की सराहना
राजनाथ सिंह ने एयरोस्पेस क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल करने में आईएएम के योगदान की सराहना की। उन्होंने कहा कि एयरोस्पेस मेडिसिन के अलावा आईएएम क्रू मॉड्यूल डिजाइन और विकास के विभिन्न पहलुओं में एयरो-मेडिकल परामर्श देता है। कॉकपिट डिजाइन में इसका योगदान उल्लेखनीय है। संस्थान ने एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर, लाइट यूटिलिटी हेलीकॉप्टर, लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर और लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट तेजस के डिजाइन और विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। यह देश के सबसे आधुनिक एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट के डिजाइन और विकास में भी सलाह दे रहा है।
यात्रा के दौरान रक्षा मंत्री के साथ वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह, एयर ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ (एओसी-इन-सी), प्रशिक्षण कमान एयर मार्शल नागेश कपूर, महानिदेशक चिकित्सा सेवाएं (वायु) एयर मार्शल संदीप थरेजा और भारतीय वायु सेना के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।
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