रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पोर्ट ब्लेयर में देश के एकमात्र ऑपरेशनल जॉइंट सर्विसेज कमांड के मुख्यालय का दौरा किया। उन्होंने अंडमान एवं निकोबार कमांड की सामरिक तैयारियों और सैन्य क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे के विकास कार्यों की समीक्षा की। रक्षा मंत्री को अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह की भू-रणनीतिक क्षमता और इस क्षेत्र में भारत के प्रभाव को बढ़ाने और सैन्य अभियानों में कमांड की भूमिका के बारे में जानकारी दी गई।
रक्षा मंत्री ने की कमांड की रक्षा तैयारियों की समीक्षा
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह पांच जनवरी को अंडमान और निकोबार कमांड (एएनसी) की दो दिवसीय यात्रा पर पोर्ट ब्लेयर पहुंचे। यात्रा के पहले दिन उन्होंने कमांड की रक्षा तैयारियों, कमांड के परिचालन क्षेत्रों तथा बाहरी इकाइयों में अवसंरचना के विकास की समीक्षा की। राजनाथ सिंह ने एएनसी ज्वाइंट ऑपरेशंस सेंटर (जेओसी) का भी दौरा किया, जो निगरानी, संचालन और रसद समर्थन के लिए एकीकृत योजना का मुख्य केंद्र है। रक्षा मंत्री ने जवानों की बहादुरी और उत्साह की सराहना की। उन्होंने कहा कि 2001 में अपनी स्थापना के बाद से अंडमान और निकोबार कमांड ने अपनी परिचालन क्षमताओं में काफी वृद्धि की है। उन्होंने जवानों को भरोसा दिलाया कि जिस तरह वे देश की सुरक्षा के लिए हमेशा तैयार हैं, तो उसी तरह सरकार भी उनके कल्याण के लिए हमेशा तैयार है।
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उन्होंने कहा कि हमने आत्मनिर्भरता के लिए ‘मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड’ विजन को साकार करने की दिशा में बड़े कदम उठाए हैं। हमारी सशस्त्र सेना जल्द ही दुनिया की सबसे मजबूत सेनाओं में से एक होगी। यह हमारा लक्ष्य भी है और हमारा उद्देश्य भी। रक्षा मंत्री ने उस बहादुरी और मुस्तैदी का भी विशेष उल्लेख किया, जिसका प्रदर्शन करते हुए सशस्त्र बलों ने उत्तरी क्षेत्र में हाल की स्थितियों से निपटा।
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