देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बिपिन रावत की 8 दिसंबर को तमिलनाडु के कुन्नूर के पास एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मौत हो गई। हादसे में रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत समेत कुल 13 लोगों की मौत हो गई और एक गंभीर रूप से घायल हो गया। उनका इलाज वेलिंगटन अस्पताल में चल रहा है। इस बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 9 दिसंबर को संसद में हादसे को लेकर बयान दिया। रक्षा मंत्री ने हादसे के बारे में लोकसभा में विस्तृत जानकारी दी।
महज 20 मिनट में हेलीकॉप्टर से टूटा संपर्क
राजनाथ सिंह द्वारा लोकसभा में दी गई जानकारी के अनुसार हेलीकॉप्टर की उड़ान का समय मात्र 27 मिनट था। सुबह 11:48 बजे हेलीकॉप्टर ने एयरबेस से उड़ान भरी। हेलीकॉप्टर को दोपहर 12:15 बजे वेलिंगटन पहुंचना था, हालांकि, उड़ान भरने के 20 मिनट बाद दोपहर 12:08 बजे सुलुल एयरबेस से हेलीकॉप्टर का संपर्क टूट गया।
लोगों ने धुआं निकलते देखा
राजनाथ सिंह ने कहा कि कुछ स्थानीय लोगों ने जंगल के एक हिस्से से धुआं निकलते देखा। उन्होंने कहा, “कुछ स्थानीय लोगों ने जंगल में आग देखी। जब वे मौके पर पहुंचे तो उन्होंने देखा कि एक सैन्य हेलीकॉप्टर के अवशेष आग में जल रहे हैं। बचाव दल को उसके लिए बुलाया गया। जितने लोगों को बचाया गया, उन्हें वेलिंगटन के एक सैन्य अस्पताल में ले जाया गया।” सिंह ने कहा कि हादसे में 14 में से 13 लोगों की मौत हो गई।
जांच समिति ने शुरू की जांच
रक्षा मंत्री ने कहा कि हादसे की जांच के लिए वायुसेना की ओर से एक जांच समिति का गठन किया गया है। एयर चीफ मार्शल स्थिति का निरीक्षण करने के लिए घटनास्थल और वेलिंगटन अस्पताल गए। एयर मार्शल मनिंदर सिंह की अध्यक्षता में भारतीय वायु सेना द्वारा जांच के आदेश दिए गए हैं। जांच दल 8 दिसंबर को ही वेलिंगटन पहुंच गया और अपना काम शुरू कर दिया। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ और अन्य सभी सहयोगियों का पूरे सम्मान के साथ दिल्ली में अंतिम संस्कार किया जाएगा”