यूक्रेन ने जपोरीजिया स्थित परमाणु संयंत्र से रूसी सेना को हटने और इस क्षेत्र को सैन्य मुक्त करने और शांति रक्षकों को तैनात करने की मांग की है ताकि चेर्नोबिल जैसा हादसा दुबारा न हो।
जपोरीजिया में यूरोप का सबसे बड़ा परमाणु संयंत्र है, जिस पर रूसी सेना ने मार्च में कब्जा कर लिया था लेकिन उसमें यूक्रेन के कर्मचारी ही कार्यरत हैं। जपोरीजिया में रूस ने पिछले हफ्ते दो बार गोलीबारी की, जिससे दुनिया भर की चिंता बढ़ गई है।
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यूक्रेन के इस परमाणु संयंत्र पर 5 अगस्त और 6 अगस्त को राकेट हमलों में संयंत्र में आग लगी लेकिन उस पर जल्द ही काबू पा लिया गया था। रूस और यूक्रेन की सेनाओं ने एक-दूसरे पर इन हमलों के आरोप लगाए हैं। रूस ने कहा है कि परमाणु संयंत्र और उसके कब्जे वाले अन्य इलाकों पर यूक्रेन की सेना लगातार गोलाबारी कर रही है।
संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरस ने अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आइएईए) के निरीक्षकों के परमाणु संयंत्र के दौरे की आवश्यकता जताई है। उन्होंने कहा कि परमाणु संयंत्र पर कोई भी हमला आत्मघाती साबित हो सकता है। गुटेरस सोमवार को जापान में थे, जहां पर वह परमाणु हमले का शिकार हुए हिरोशिमा में आयोजित एक कार्यक्रम में भाग लेने गए थे। आइएईए में रूस के दूत ने कहा है कि उनका देश जपोरीजिया संयंत्र के अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों से निरीक्षण के लिए तैयार है।
रूसी रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि यूक्रेनी सेना के हमलों से इस सोवियत कालीन संयंत्र की हाई वोल्टेज पावर लाइनों को नुकसान हुआ है। क्रेमलिन ने संयंत्र पर हमले को बेहद खतरनाक करार दिया है। जबकि यूक्रेन ने रूसी सेना के हमले में तीन रेडिएशन सेंसरों के नष्ट होने और दो कर्मचारियों के घायल होने की बात कही है।
खाद्यान्न के 12 जहाज रवाना
रूस, यूक्रेन और तुर्की के बीच हुए समझौते के परिणामस्वरूप सोमवार को खाद्यान्न से भरे दो और जहाज यूक्रेन से रवाना हुए। इनमें कुल 59 हजार टन खाद्यान्न लदा हुआ है। इस प्रकार से एक सप्ताह में यूक्रेन से खाद्यान्न लदे 12 जहाज काला सागर के रास्ते निकल चुके हैं।