Pokhran: भारत की तीनों सेनाओं(All three Indian armies) ने पश्चिमी सीमा(western border) पर 12 मार्च को भारत-पाकिस्तान सीमा(India-Pakistan border) के नजदीक पोखरण फायरिंग रेंज (राजस्थान) में ‘भारत शक्ति’ अभ्यास(Exercise ‘Bharat Shakti’ at Pokhran Firing Range (Rajasthan)) करके अपनी युद्धक तथा प्रहार क्षमताओं का प्रदर्शन(Demonstration of combat and strike capabilities) करके धमाकों से गुंजा दिया। चार्ली रेंज में बनाए गए दुश्मन के प्रतीकात्मक लक्ष्यों(symbolic goals of the enemy) को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी(Prime Minister Narendra Modi) के सामने स्वदेशी हथियारों से बर्बाद करने का अद्भुत प्रदर्शन(Amazing demonstration of destruction with indigenous weapons) किया गया। पिनाका राकेट ने 17 किमी. दूर लक्ष्यों(Pinaka rocket flew 17 km. away goals) पर सटीक निशाना लगाकर ‘आत्मनिर्भर भारत'(self-reliant india) के स्वदेशीकरण से सशक्तिकरण की ताकत(Power of empowerment through indigenization) दिखाई।
एक घंटे तक चला युद्धाभ्यास
पोखरण फायरिंग रेंज में करीब एक घंटे तक चले युद्धाभ्यास के लिए 10 से 15 किमी. के दायरे में दुश्मन के प्रतीकात्मक रसद केंद्र, आतंकी ठिकाने, हवाई पट्टी, टैंक और तोपखाना प्रणाली, ब्रिज, ड्रोन, तेल डिपो, कमांड सेंटर बनाए गए थे। इस हाईवोल्टेज हवाई युद्धाभ्यास ‘भारत शक्ति’ में तीनों सेनाओं ने स्वदेशी रक्षा क्षमताओं का समन्वित प्रदर्शन किया। एलएचएस प्रचंड ने बमबारी करके दुश्मन के ठिकानों को नष्ट कर दिया। अभ्यास के दौरान भारत में निर्मित हथियार प्रणालियां, अर्जुन टैंक, धनुष होवित्जर, तेजस लड़ाकू विमान और एएलएच ध्रुव हेलीकॉप्टरों ने अपनी मारक क्षमता दिखाई।
रक्षा मंत्री के साथ ही इन्होंने भी देखा युद्धाभ्यास
रक्षा क्षेत्र में भारत की ‘आत्मनिर्भरता’ के इस प्रदर्शन को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे, वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी, नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने भी देखा। त्रि-सेवा लाइव फायर और युद्धाभ्यास के रूप में स्वदेशी रक्षा क्षमताओं का प्रदर्शन समाप्त होते ही पोखरण रेंज ‘भारत माता की जय’ के उद्घोष से गूंज उठा।
घुसपैठ रोकने का सफल ऑपरेशन
भारतीय नौसेना के मार्कोस और भारतीय वायु सेना के गरुड़ कमांडो ने घुसपैठ रोकने का सफल ऑपरेशन किया, जबकि युद्ध के मैदान की निगरानी दूर से संचालित विमान और ड्रोन के जरिये की गई। इसके बाद लंबी दूरी के हथियारों और आर्टिलरी गन से लक्ष्यों पर सटीक निशाना लगाकर उन्हें नष्ट किये जाने का प्रदर्शन किया गया। स्थिर प्रदर्शन में हथियार का पता लगाने वाले रडार स्वाति ने भी दुश्मन के ठिकानों का पता लगाने में भूमिका निभाई।अभ्यास के दौरान भारत में निर्मित पिनाका मल्टी बैरल रॉकेट लॉन्चर, अर्जुन टैंक, धनुष होवित्जर, तेजस लड़ाकू विमान और एएलएच ध्रुव हेलीकॉप्टर के विभिन्न संस्करण अपनी मारक क्षमता का प्रदर्शन किया।