रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (Defence Research and Development Organisation) ने बुधवार (29 मई) को हवा से सतह पर मार करने वाली एंटी-रेडिएशन मिसाइल रुद्रम-II (Anti-Radiation Missile Rudram-II) का सफल परीक्षण (Test) किया। इस मिसाइल का परीक्षण बुधवार ओडिशा (Odisha) तट से वायुसेना के लड़ाकू विमान सुखोई-30 (Fighter Aircraft Sukhoi-30) से किया गया।
डीआरडीओ ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के जरिए यह जानकारी साझा की है। डीआरडीओ ने लिखा है कि उड़ान परीक्षण में सभी परीक्षण उद्देश्य पूरे हुए। इसमें प्रणोदन प्रणाली से लेकर नियंत्रण और मार्गदर्शन एल्गोरिदम तक सब कुछ की पुष्टि हुई।
Indigenously developed Air to Surface RudraM-II missile was successfully flight-tested from Su-30 MK-I off the Odisha coast today. The flight-test met all the trial objectives, validating the propulsion system, control & guidance algorithm@DefenceMinIndia @SpokespersonMoD pic.twitter.com/xEYxhckQTZ
— DRDO (@DRDO_India) May 29, 2024
भारतीय सशस्त्र बलों की ताकत कई गुना बढ़ जाएगी
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में मिसाइल के सफल परीक्षण पर डीआरडीओ, वायुसेना और उद्योग जगत को बधाई दी। उन्होंने कहा कि इस परीक्षण की सफलता ने रुद्रम-II की भूमिका की दृढ़ता से पुष्टि की है और इससे भारतीय सशस्त्र बलों की ताकत कई गुना बढ़ जाएगी।
रुद्रम-II एंटी-रेडिएशन मिसाइल की ताकत जानें
रुद्रम-II स्वदेशी रूप से विकसित ठोस प्रणोदक वायु-प्रक्षेपित मिसाइल प्रणाली है, जो विभिन्न प्रकार के दुश्मन लक्ष्यों को नष्ट करने में सक्षम है। मिसाइल प्रणाली में विभिन्न डीआरडीओ प्रयोगशालाओं द्वारा विकसित कई अत्याधुनिक स्वदेशी तकनीकों को शामिल किया गया है।
इसके पहले संस्करण रुद्रम-1 का परीक्षण चार साल पहले सुखोई-30एमकेआई लड़ाकू विमान से किया गया था। रुद्रम-2 सबसे उन्नत मिसाइलों में से एक है और इसका उद्देश्य दुश्मन के कई तरह के हमलों को बेअसर करना है। भारत के पास वर्तमान में रूसी एंटी-रेडिएशन मिसाइल ख-31 है। रुद्रम मिसाइलें ख-31 की जगह लेंगी।
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